मुंबई : पुलिस इंस्पेक्टर साइबर ठगों का शिकार; ठगों ने बैंक खाते से 3 लाख रुपये निकाल लिए
Mumbai: Police inspector falls prey to cyber fraudsters; Fraudsters withdraw Rs 3 lakh from his bank account
महाराष्ट्र के राज्यपाल के मुंबई स्थित सरकारी आवास राजभवन में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर साइबर ठगों का शिकार हो गया। ठगों ने फिशिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उसके बैंक खाते से पूरे 3 लाख रुपये निकाल लिए। घटना के बाद पुलिस और साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, 49 वर्षीय पुलिस इंस्पेक्टर का आवास तारदेव पुलिस कॉलोनी में है।
मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल के मुंबई स्थित सरकारी आवास राजभवन में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर साइबर ठगों का शिकार हो गया। ठगों ने फिशिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उसके बैंक खाते से पूरे 3 लाख रुपये निकाल लिए। घटना के बाद पुलिस और साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, 49 वर्षीय पुलिस इंस्पेक्टर का आवास तारदेव पुलिस कॉलोनी में है। उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना सोमवार से शनिवार के बीच हुई। आरोप है कि उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में आरटीओ चालान से जुड़े लिंक के जरिए फिशिंग संदेश भेजा गया। लिंक पर क्लिक करने के बाद इंस्पेक्टर ने अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया, जिसके बाद बैंक खाते से रकम गायब हो गई।
पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के फिशिंग मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग इस तरह के लिंक भेजकर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं और फिर उसके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं। इंस्पेक्टर ने भी समझा कि यह लिंक सुरक्षित है, लेकिन जैसे ही उन्होंने आवश्यक जानकारी दर्ज की, उनके खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए गए।
साइबर सेल की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है और डिजिटल फिंगरप्रिंट की मदद से ठगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। साथ ही पुलिस ने सभी सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों को फिशिंग और ऑनलाइन ठगी से सावधान रहने की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय हमेशा आधिकारिक वेबसाइट और सुरक्षित लिंक का इस्तेमाल करना चाहिए। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करना या व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है। राजभवन और मुंबई पुलिस दोनों इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों को पकड़ने के लिए तकनीकी और कानूनी माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

