पाकिस्तान और बांग्लादेश की अजीब कहानी, भूखा देने पहुंचा भूखे को सहारा; एक दरिद्र...दूसरा बेसहारा
Strange story of Pakistan and Bangladesh, a hungry person came to give support to another; one is poor...the other is helpless
बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने डार की अगवानी की। डार रविवार को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार तौहीस हुसैन से मुलाकात करेंगे। वह रविवार को बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया से भी उनके निवास पर मिलने वाले हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सात से अधिक द्विपक्षीय समझौतों और सहमति ज्ञापनों (MoUs) पर उनके दौरे के दौरान हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनमें व्यापार, कूटनीति, सांस्कृतिक सहयोग और रणनीतिक अध्ययन से संबंधित समझौते शामिल हैं। राजनयिक पासपोर्ट पर वीजा छूट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विदेशी सेवा अकादमियों के बीच सहयोग, व्यापार और निवेश समूह, राज्य समाचार एजेंसियों में सहयोग, जैसी कई पहलें पहले ही अंतिम रूप ले चुकी हैं।
ढाका: एक भूखा-नंगा और बदहाली से त्रस्त देश सिर्फ कौमी एकता दिखाने के लिए दूसरे भूखे और बेसहारा की मदद करने पहुंचा है। यह जानकर आपको भी हंसी आ जाएगी कि एक भूखा और गरीब देश दूसरे बेसहारा और बदनसीब देश को क्या सहारा दे सकता है?...मगर पाकिस्तान अब बांग्लादेश के साथ यही मजाक कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ढाका पहुंचे हैं। उन्होंने बांग्लादेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक के बाद एक कई बैठकें कीं। पाकिस्तान का उद्देश्य बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री डार ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के नेताओं से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने छात्र-नेतृत्व वाली नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेताओं से भी बातचीत की, जिसे अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ढाका स्थित पाकिस्तान दूतावास में डार से मुलाकात की।
बीएनपी प्रतिनिधि शमा ओबैद ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर रहा। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को पुनर्जीवित करने पर भी चर्चा हुई, और पाकिस्तान ने बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनावों की इच्छा व्यक्त की। बैठक के बाद बीएनपी प्रतिनिधियों के साथ पाकिस्तानी राजदूत के निवास पर रात्रिभोज भी आयोजित किया गया। जमात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल्ला मुहम्मद ताहिर ने भी डार से मुलाकात की, जिनकी पार्टी 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या बैठक में 1971 के अधूरे मुद्दों पर बात हुई, तो ताहिर ने कहा, "ये मसले दोनों सरकारों के बीच चर्चा के लिए हैं। हमें उम्मीद है कि सरकारें इन्हें उठाएंगी।"
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अख्तर हुसैन ने कहा, “हमने बैठक में यह मुद्दा उठाया और मानते हैं कि संबंधों को बेहतर करने के लिए पाकिस्तान को 1971 के मसले को स्वीकारना चाहिए।” बाद में डार ने पाक दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सभी को पाकिस्तान आकर अपने समकक्षों से जुड़ना चाहिए और इस "साझेदारी के नए चरण" में योगदान देना चाहिए। डार ने कहा कि पाकिस्तान सभी हितधारकों, सरकार, राजनीतिक दल, शिक्षाविद्, मीडिया, सिविल सोसायटी और युवाओं से संवाद के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि शांति, विकास और क्षेत्रीय समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
पाकिस्तान ने बांग्लादेश को दिखाया सपना
डार ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों, जैसे सार्क के पुनरुद्धार, पर समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। इसलिए हमें मिलकर ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जहां कराची से चटगांव, क्वेटा से राजशाही, पेशावर से सिलहट और लाहौर से ढाका तक के युवा एकजुट होकर साझा सपनों को साकार करें। बता दें कि डार 2012 के बाद बांग्लादेश का दौरा करने वाले सबसे वरिष्ठ पाकिस्तानी नेता हैं। इस्लामाबाद ने इसे "पाक-बांग्ला संबंधों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर" बताया है। पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री जम कमाल खान पहले से ही चार दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश में हैं ताकि द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाया जा सके। हिना रब्बानी खार नवंबर 2012 में ढाका का दौरा करने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्लामाबाद में होने वाले D-8 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था।
बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने डार की अगवानी की। डार रविवार को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार तौहीस हुसैन से मुलाकात करेंगे। वह रविवार को बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया से भी उनके निवास पर मिलने वाले हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सात से अधिक द्विपक्षीय समझौतों और सहमति ज्ञापनों (MoUs) पर उनके दौरे के दौरान हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनमें व्यापार, कूटनीति, सांस्कृतिक सहयोग और रणनीतिक अध्ययन से संबंधित समझौते शामिल हैं। राजनयिक पासपोर्ट पर वीजा छूट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विदेशी सेवा अकादमियों के बीच सहयोग, व्यापार और निवेश समूह, राज्य समाचार एजेंसियों में सहयोग, जैसी कई पहलें पहले ही अंतिम रूप ले चुकी हैं।
बीएसटीआई (बांग्लादेश स्टैंडर्ड एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट) और पाकिस्तान की हलाल अथॉरिटी और दोनों देशों के कृषि अनुसंधान संस्थानों के बीच समझौते पर भी चर्चा चल रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के संबंध शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान बेहद तनावपूर्ण रहे, खासकर 2010 में जब बांग्लादेश सरकार ने 1971 के युद्ध अपराधियों पर मुकदमा शुरू किया। 5 अगस्त 2024 को छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन ने शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटाया और तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।

