मुंबई : 1 साल 9 महीने की उम्र में रचा इतिहास; जानवर पहचानने का बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
Mumbai : 1 year 9 months history Why did the animal identification make the world record?
हर व्यक्ति में कोई न कोई खास कला या खूबी जरूर होती है. आज के समय में लोग अपनी इन विशेषताओं के दम पर नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. आपने कभी न कभी गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के बारे में जरूर सुना होगा, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड प्लेटफॉर्म माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है, जो रिकॉर्ड बनाने वालों के लिए जाना जाता है?
मुंबई : हर व्यक्ति में कोई न कोई खास कला या खूबी जरूर होती है. आज के समय में लोग अपनी इन विशेषताओं के दम पर नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. आपने कभी न कभी गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के बारे में जरूर सुना होगा, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड प्लेटफॉर्म माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है, जो रिकॉर्ड बनाने वालों के लिए जाना जाता है?
इस संस्था का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया है. खास बात यह है कि यहां बनने वाले रिकॉर्ड अक्सर बड़े ही अनोखे और अजब-गजब होते हैं. हाल ही में इसी संस्था के माध्यम से मुंबई की एक छोटी बच्ची ने अद्भुत रिकॉर्ड बनाया है. इस बच्ची की उम्र मात्र 2 वर्ष है. इस छोटी बच्ची का नाम कृद्धा सिन्हा है. कृद्धा ने तब वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जब उसकी उम्र सिर्फ 1 साल 9 महीने थी.
7 महीने की उम्र में फल और जानवरों के नाम याद किए
प्रीथा सिन्हा ने बताया कि जब कृद्धा सिर्फ 2 महीने की थी, तभी से उन्होंने उसे सीखने और याद करने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दी थी. उनका मानना है कि बच्चे जिस चीज़ में रुचि लेते हैं, उस क्षेत्र में जल्दी और गहराई से सीखते हैं. कृद्धा ने 7 महीने की उम्र में ही फलों के नाम, गाड़ियों के नाम और अन्य कई चीज़ों के नाम बोलना शुरू कर दिया था. इस छोटी बच्ची का नाम एक और किताब में दर्ज है, जिसका नाम है जीनियस किड रिकॉर्ड. प्रीथा का यह भी कहना है कि हर माता-पिता को अपने बच्चों की पसंद और रुचि को समझना चाहिए, ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार कुछ बड़ा कर सकें शायद अगला रिकॉर्ड भी.

