सुप्रीम कोर्ट ने कोस्टल रोड पर फायर स्टेशन बनाने की दी मंजूरी...
Mumbai: Supreme Court gives permission to build a fire station on Coastal Road...
कोस्टल रोड बनाने के लिए समुद्र में भराव डालकर भूमि तैयार की गई है। भराव से तैयार हुई कुल भूमि का लगभग 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा कोस्टल रोड निर्माण के लिए उपयोग किया गया है जबकि शेष 70 से 75 प्रतिशत यानी करीब 53 हेक्टेयर क्षेत्र पर हरित पट्टी और नागरिक सुविधाएं विकसित की गई है। जिसमे प्रसाधनगृह, जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, गार्डन, सागरी पदपथ, खुले नाट्यगृह, बच्चों के लिए उद्यान और खेल मैदान, पुलिस चौकी, बस स्टॉप, भूमिगत पदपथ और जेट्टी जैसी सुविधाएं शामिल होगी। वरळी और हाजी अली में भूमिगत वाहनतल भी बनाया जाएगा।
मुंबई : मनपा के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर फायर स्टेशन बनाने की सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। फायर स्टेशन वर्ली स्थित प्रसिद्ध पूनम चैंबर बिल्डिंग के पीछे बनाया जाएगा। कोस्टल रोड पर किसी तरह का विकास या निर्माण कार्य के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी है। इसी के तहत मनपा प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मनपा प्रशासन ने प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से वर्ली सीलिंक तक लगभग 10.58 किलोमीटर लंबा कोस्टल रोड तैयार किया गया है। कोस्टल रोड का नाम धर्मवीर स्वराज्य रक्षक छत्रपति संभाजी महाराज रस्ता रखा गया है।
कोस्टल रोड बनाने के लिए समुद्र में भराव डालकर भूमि तैयार की गई है। भराव से तैयार हुई कुल भूमि का लगभग 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा कोस्टल रोड निर्माण के लिए उपयोग किया गया है जबकि शेष 70 से 75 प्रतिशत यानी करीब 53 हेक्टेयर क्षेत्र पर हरित पट्टी और नागरिक सुविधाएं विकसित की गई है। जिसमे प्रसाधनगृह, जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, गार्डन, सागरी पदपथ, खुले नाट्यगृह, बच्चों के लिए उद्यान और खेल मैदान, पुलिस चौकी, बस स्टॉप, भूमिगत पदपथ और जेट्टी जैसी सुविधाएं शामिल होगी। वरळी और हाजी अली में भूमिगत वाहनतल भी बनाया जाएगा।
इसके अलावा मार्ग के किनारे दो स्थानों पर अग्निशमन केंद्र बनाए जाएंगे। आपातकालीन परिस्थिति में तत्काल सेवा उपलब्ध कराने के लिए वर्ली और प्रियदर्शिनी उद्यान के पास फ्रायर स्टेशन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। वर्ली स्थित केंद्र के लिए सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति मांगी गई थी जो अब मिल चुकी है। मनपा का कहना है कि इस केंद्र की वजह से दुर्घटना की स्थिति में 20 से 25 मिनट में मदद पहुंचाना संभव होगा। करीब 700 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनने वाले इस केंद्र में तीन दमकल गाड़ियां खड़ी हो सकेगी। अधिकारियों के अनुसार बढ़ती आबादी, वाहनों की संख्या और ट्रैफिक जाम के कारण कई बार दमकल गाड़ियां घटनास्थल तक देर से पहुंचती हैं।

