बीजापुर : 'लाल आतंक' ने फिर डाले हथियार: 34 नक्सलियों का सरेंडर...26 पर कुल 84 लाख का इनाम; 2 साल में 824 ने हिंसा छोड़ी
Bijapur: 'Red terror' strikes again: 34 Naxalites surrender...26 of them had a combined bounty of 84 lakh rupees; 824 have given up violence in the last two years.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को 34 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 26 पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं। येकैडर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर डिवीजन में सक्रिय थे। मुख्य कैडरों में पांड्रू पुनेम (45), रुकनी हेमला (25), देवा उइका (22), रामलाल पोयम (27) और मोटू पुनेम (21) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण वरिष्ठ पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष 'पुना मार्गेम' (पुनर्वास से सामाजिक पुनर्स्थापन) पहल के तहत हुआ।
बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को 34 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 26 पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं। येकैडर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर डिवीजन में सक्रिय थे। मुख्य कैडरों में पांड्रू पुनेम (45), रुकनी हेमला (25), देवा उइका (22), रामलाल पोयम (27) और मोटू पुनेम (21) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण वरिष्ठ पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष 'पुना मार्गेम' (पुनर्वास से सामाजिक पुनर्स्थापन) पहल के तहत हुआ।
बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव के अनुसार, राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक को तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता के साथ कौशल विकास प्रशिक्षण एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर पिछले दो वर्षों में दंतेवाड़ा जिले में 824 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। आत्मसमर्पित कैडरों के परिवार भी उन्हें सामान्य जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि ये कैडर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, तेलंगाना राज्य कमेटी और माओवादियों के आंध्र ओडिशा बॉर्डर डिवीजन में सक्रिय थे। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को हिंसा छोड़ने के लिए आकर्षित कर रही है।
यादव ने कहा कि जिन लोगों ने सरेंडर किया है, उनके परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। उन्होंने बताया कि सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, पिछले दो साल में दंतेवाड़ा जिले में 824 माओवादियों ने हिंसा छोड़ दी है और सामाजिक मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।

