मुंबई रेलवे पुलिस की सीमा अब कोकण तक, रत्नागिरी में नया रेलवे पुलिस थाना जल्द
Mumbai Railway Police limit now up to Konkan, new railway police station in Ratnagiri soon
मुंबई रेलवे पुलिस की सीमा अब कोकण तक बढ़ाई जाएगी। रत्नागिरी में नया रेलवे पुलिस थाना स्थापित किया जाएगा, जहाँ 3–4 अधिकारी और करीब 60 पुलिसकर्मी तैनात होंगे। यह थाना कोलाड से राजापुर तक के क्षेत्र की देखरेख करेगा। अब तक यात्रियों को सुरक्षा के लिए जिला पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन रेलवे पुलिस की मौजूदगी से शिकायत दर्ज कराना और अपराधों पर तुरंत कार्रवाई आसान होगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को मज़बूती देगा और अपराध नियंत्रण में मददगार साबित होगा।
मुंबई: मुंबई रेलवे पुलिस (Government Railway Police – GRP) की सीमा अब कोकण रेलवे क्षेत्र तक बढ़ाई जा रही है। इस निर्णय के बाद रत्नागिरी रेलवे स्टेशन पर एक नया रेलवे पुलिस थाना स्थापित किया जाएगा। इससे कोंकण रेलवे मार्ग पर यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को सीधी सुरक्षा सुविधा उपलब्ध होगी।
रेलवे पुलिस का विस्तार
अब तक कोंकण रेलवे मार्ग की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी जिला पुलिस पर थी। कई बार रेलवे स्टेशन शहर से दूर होने के कारण यात्रियों को शिकायत दर्ज कराने में कठिनाई होती थी। लेकिन अब रेलवे पुलिस की सीमा बढ़ने से रत्नागिरी में नया थाना बनेगा, जो सीधे यात्रियों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी संभालेगा।
रत्नागिरी में नया थाना
रत्नागिरी रेलवे पुलिस थाने में 3 से 4 पुलिस अधिकारी और लगभग 60 पुलिसकर्मी नियुक्त किए जाएंगे। यह थाना कोलाड से लेकर राजापुर तक के रेलवे क्षेत्र की देखरेख करेगा। इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन और उपनगरीय लाइनें आती हैं, जहां प्रतिदिन हजारों यात्री आवाजाही करते हैं।
यात्रियों की सुरक्षा पर ज़ोर
पिछले कुछ वर्षों में कोंकण रेलवे पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ी है। इसके साथ ही मोबाइल चोरी, चैन स्नैचिंग और यात्रियों के साथ मारपीट जैसी घटनाएँ भी सामने आई हैं। ऐसे मामलों में यात्रियों को मदद के लिए दूर स्थित जिला पुलिस थाने जाना पड़ता था। अब रेलवे पुलिस की मौजूदगी से शिकायत दर्ज कराने और तत्काल कार्रवाई दोनों में आसानी होगी।
अपराध नियंत्रण में मदद
नया पुलिस थाना अपराध पर नज़र रखने और त्वरित कार्रवाई करने में अहम भूमिका निभाएगा। रेलवे पुलिस आयुक्तालय का कहना है कि इस कदम से यात्रियों को न केवल सुरक्षा का भरोसा मिलेगा, बल्कि रेल मार्ग पर अपराधों में भी कमी आएगी। रेलवे प्रशासन और पुलिस का मानना है कि यह निर्णय यात्रियों के हित में बड़ा और आवश्यक कदम साबित होगा।

