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मुंबई में 7000 हजार रेजिडेंट डॉक्टर गए हड़ताल पर... सरकार नहीं मानी तो इमरजेंसी सर्विस भी रोक देंगे
7000 thousand resident doctors went on strike in Mumbai... If the government does not agree, emergency service will also be stopped
मुंबई सहित महाराष्ट्र में नए साल की शुरुआत में इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे लोगों को आज से थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल आज सोमवार सुबह आठ बजे से प्रदेश भर के करीब सात हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए.
मुंबई : मुंबई सहित महाराष्ट्र में नए साल की शुरुआत में इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे लोगों को आज से थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल आज सोमवार सुबह आठ बजे से प्रदेश भर के करीब सात हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए.
डॉक्टर्स का आरोप है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है. मामले में महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने एक बयान में कहा कि हॉस्टल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सरकार से उनकी कई दलीलों को अनसुना करने के बाद उन्हें हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
मालूम हो कि डॉक्टर अपने कोविड एरियर के भुगतान की भी मांग कर रहे हैं जो एक साल से अधिक समय से लंबित है. मुंबई में, सायन, केईएम, बीवाईएल नायर, आरएन कूपर और सरकारी जेजे अस्पताल के लगभग चार हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल में भाग ले रहे हैं.
हड़ताल में शामिल नायर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा, ‘हमारी मांग है कि सीनियर रेजिडेंट के लिए नए पद सृजित किए जए. सातवें वेतन के अनुसार उन्हें डीए मिले और कोविड एयर का भुगतान किया जाए.’
मामले में एमएआरडी के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने कहा कि सरकार सालों से उचित छात्रावासों के उनके अनुरोधों की अनदेखी करती रही है. उदाहरण के लिए जेजे अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या बढ़कर 900 हो गई है, लेकिन छात्रावास की सुविधा 300 छात्रों के लिए बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि सुविधा 90 के दशक से विकसित नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सोमवार से सिर्फ आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. मगर अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो इसे भी रोका जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान कोविड वॉर्ड, एक्सीडेंट, लेबर रूम, सीटी स्कैन, ब्लड बैंक और अन्य जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी.
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