
लोकतंत्र के लिए घातक है ईडी सरकार का तमाशा - नाना पटोले
ED government's spectacle is fatal for democracy - Nana Patole
शिंदे गुट के बागी विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा न्यायालय में प्रलंबित है। ऐसे में सत्ताधारी और विरोधी दल में सतत आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति देखने को मिल रही है।
मुंबई : शिंदे गुट के बागी विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा न्यायालय में प्रलंबित है। ऐसे में सत्ताधारी और विरोधी दल में सतत आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति देखने को मिल रही है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस यानी ‘ईडी’ सरकार की स्थापना के दिन से ही इस सरकार की वैधता पर प्रश्नचिह्न लगाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर वर्तमान में शुरू राजनीति को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शिंदे सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
प्रभादेवी में गणेश विसर्जन के दरम्यान घटी घटना पर उन्होंने टिप्पणी की है। प्रभादेवी में एकनाथ शिंदे गुट और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच हुए विवाद, शिंदे गुट के विधायक सदा सरवणकर द्वारा गोलीबारी की घटना का संदर्भ देते हुए नाना पटोले ने कहा कि ‘ईडी’ सरकार का महाराष्ट्र में तमाशा करने का काम शुरू है।
गुवाहाटी के बाद हुई घटनाओं के कारण महाराष्ट्र की राजनीतिक बदनामी देशभर में हुई। दिनों-दिन बढ़ रही गोली बारी की घटनाएं, लड़कियों के अपहरण आदि घटनाएं महाराष्ट्र में हो रही हैं। अब तक पालक मंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है।
राज्य में निर्माण हुए हंगामे लोकतंत्र के लिए घातक हैं, ऐसा नाना पटोले ने कहा। मुख्य न्यायाधीश ललित के साथ मुख्यमंत्री द्वारा मंच साझा करने के बारे में नाना पटोले ने कहा कि सत्ता संघर्ष का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश के साथ मुख्यमंत्री का मंच पर बैठना गलत है।
राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम करे, ऐसा अपेक्षित है लेकिन आज महाराष्ट्र में असंवैधानिक सरकार है। ऐसी स्थिति में मुख्य न्यायाधीश से मुख्यमंत्री कैसे मिलते हैं? सरकार पर आरोप है और कोर्ट में मामला चल रहा है, ऐसी स्थिति में लोगों को लोकतंत्र किसमें देखना चाहिए? ये सवाल है, संवैधानिक व्यवस्था, न्यायिक व्यवस्था खतरे में है, ऐसा भी नाना पटोले ने इस मौके पर कहा।
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