कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्‍तीफा देने के बाद शुक्रवार को शिवसेना की सदस्‍यता ग्रहण कर ली.

कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्‍तीफा देने के बाद शुक्रवार को शिवसेना की सदस्‍यता ग्रहण कर ली.

कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्‍तीफा देने के बाद शुक्रवार को शिवसेना की सदस्‍यता ग्रहण कर ली. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस वार्ता करके प्रियंका चतुर्वेदी के पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया. इस दौरान शिवसेना के वरिष्‍ठ नेता संजय राउत भी मौजूद रहे. बता दें कि आज सुबह शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया था कि प्रियंका चतुर्वेदी आज शिवसेना ज्‍वाइन करने वाली हैं.

बता दें कि मथुरा में अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किये जाने से नाराज चल रहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से आज सुबह इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के प्रवक्ता होने का उल्लेख हटा दिया था. मथुरा प्रकरण को लेकर गत 17 अप्रैल को खुलकर नाराजगी जताने वाली प्रियंका ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफे के प्रति शेयर करते हुए ट्वीट किया कि पिछले तीन दिनों से मुझे देश भर से जो समर्थन मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं. इस सफर का हिस्सा रहे सभी लोगों का धन्यवाद. प्रियंका में अपने त्यागपत्र में कहा कि मैं 10 वर्ष पहले युवा कांग्रेस के सदस्य के तौर पर कांग्रेस में शामिल हुई थी क्योंकि मुझे पार्टी की विचारधारा और आपकी (राहुल गांधी की) समावेशी, उदारवादी एवं प्रगतिशील राजनीति में विश्वास था. इन 10 वर्षों में मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई, उसका मैंने पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता से निर्वहन किया

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पार्टी नेतृत्व पर लगाए ये आरोप
उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी से कुछ ईनाम या रिर्टन नहीं मांगा क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि पार्टी नेतृत्व मेरी आकांक्षाओं का खयाल रखेगा. प्रियंका ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी चीजें हुईं जिनसे मुझे इसका अहसास हो गया कि संगठन को मेरी सेवा का कोई मूल्य नहीं है. मुझे यह भी लगा कि मैं जितना समय संगठन में रहूंगी, मुझे उतना अपने आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने मथुरा की घटना की जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने चीजों की ‘जिस तरह से उपेक्षा’ की उससे स्पष्ट हो गया है कि अब मुझे कांग्रेस के बाहर जाना होगा. प्रियंका ने यह भी कहा कि वह राहुल गांधी, उनका उत्साहवर्धन करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करती हैं. इससे पहले मथुरा में कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में वापस लिए जाने पर प्रियंका ने खुलकर विरोध दर्ज कराया था.

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ट्वीट कर कही अपनी पीड़ा
उन्होंने गत 17 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है. पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

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यह है पूरा मामला
दरअसल, पिछले दिनों प्रियंका राफेल मामले पर संवाददाता सम्मेलन करने के लिए मथुरा में थीं जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी थी. उनकी शिकायत पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. बाद में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कार्यकर्ताओं द्वारा खेद प्रकट करने के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किया जा रहा है. दूसरी तरफ, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रही थीं, लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज थीं.

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