मुंबई : कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड धोखाधड़ी; 386 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति नीलाम करने का आदेश
Mumbai: Karnala Nagari Sahakari Bank Ltd fraud; Order to auction immovable properties worth Rs 386 crore
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई यूनिट ने पनवेल के कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड धोखाधड़ी मामले में 386 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति सक्षम प्राधिकारी, एमपीआईडी (महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त) को वापस कर दी है, ताकि इसे बैंक के उन जमाकर्ताओं के बीच वितरित किया जा सके, जिन्होंने अपना पैसा खो दिया है। ईडी की जांच में पता चला है कि जालसाजी और धोखाधड़ी के अपराध से अर्जित आय विवेकानंद शंकर पाटील और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित विभिन्न संस्थाओं में स्थानांतरित कर दी गई थी।
मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई यूनिट ने पनवेल के कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड धोखाधड़ी मामले में 386 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति सक्षम प्राधिकारी, एमपीआईडी (महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त) को वापस कर दी है, ताकि इसे बैंक के उन जमाकर्ताओं के बीच वितरित किया जा सके, जिन्होंने अपना पैसा खो दिया है। ईडी की जांच में पता चला है कि जालसाजी और धोखाधड़ी के अपराध से अर्जित आय विवेकानंद शंकर पाटील और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित विभिन्न संस्थाओं में स्थानांतरित कर दी गई थी। उन्होंने कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड से निकाली गई धनराशि का उपयोग विभिन्न संपत्तियां और परिसंपत्तियां खरीदने के लिए किया था। अपराध से प्राप्त इस राशि का उपयोग महाराष्ट्र के रायगड जिले में विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्ति खरीदने में किया गया था।
386 करोड़ रुपए मूल्य की ये संपत्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 5 के तहत 17 अगस्त 2021 और 12 अक्टूबर 2023 को कुर्क की गई थीं। इस बीच आरबीआई द्वारा नियुक्त परिसमापक ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत विशेष न्यायालय में इसकी वापसी के लिए एक आवेदन दायर किया, जिस पर ईडी ने सहमति दे दी है।
विशेष न्यायालय ने कर्नाला स्पोर्ट्स अकादमी, पनवेल स्थित संपत्ति परिसमापक को सौंपने और उसे नीलाम करने का आदेश पारित किया है। न्यायालय ने सक्षम प्राधिकारी को जमाकर्ताओं के बीच वितरण हेतु रायगड के पोसारी की भूमि की नीलामी करने का भी आदेश दिया है। कर्नाला नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड में कुल 553 करोड़ रुपए जमा करने वाले 5 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं ने अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी है।

