मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का नाम लेकर महिला से ₹4 लाख रुपए की साइबर ठगी
Woman cyber-cheated of ₹4 lakh using the name of a senior Mumbai police officer
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में घाटकोपर इलाके में मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का नाम लेकर महिला के साथ साइबर ठगी की घटना सामने आई है। पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहने वाली एक महिला के साथ साइबर ठगों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर बातचीत की और उससे ₹4 लाख रुपए की ठगी कर ली। फोन करने वाले ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस का डीसीपी दया नाईक और प्रमोद वर्मा बताया है।
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में घाटकोपर इलाके में मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का नाम लेकर महिला के साथ साइबर ठगी की घटना सामने आई है। पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहने वाली एक महिला के साथ साइबर ठगों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर बातचीत की और उससे ₹4 लाख रुपए की ठगी कर ली। फोन करने वाले ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस का डीसीपी दया नाईक और प्रमोद वर्मा बताया है। इसके अलावा साइबर ठगों ने यह भी दावा किया कि इस मामले में सीबीआई अधिकारी रश्मि शुक्ला खुद जांच करेंगी। मुंबई पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग कर साइबर ठगी के इस मामले ने सभी को हैरान कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
साइबर धोखाधड़ी के एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मुंबई के घाटकोपर की एक 40 वर्षीय महिला साइबर ठगों का शिकार हो गई। आरोपियों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और आपराधिक जांच के बहाने उसपर 4 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला। इस दौरान आरोपियों ने मुंबई पुलिस के बड़े पुलिस अधिकारियों का नाम लिया और उनके गलत डेजिग्नेशन के साथ खुद को महिला के सामने पेश किया।
कैसे हुई ठगी?
अंधेरी में काम करने वाली शिकायतकर्ता को 19 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग कई बैंक खाते खोलने के लिए किया गया है, और वह कथित तौर पर एक वित्तीय अपराध में शामिल है। इसके बाद जालसाजों ने अपनी चाल को और आगे बढ़ाते हुए एक वीडियो कॉल शुरू की, जिसमें पुलिस की वर्दी पहने दो लोगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का डीसीपी दया नायक और प्रमोद वर्मा बताया। उन्होंने महिला को सख्त कार्रवाई की धमकी देकर धमकाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, सीबीआई जांच और तुरंत गिरफ़्तारी भी शामिल थी। महिला को बताया गया कि उसके डॉक्यूमेंट का उपयोग नरेश गोयल के केस में गलत तरीके से किया जा रहा है।

