मुंबई: बीएमसी के चुनाव अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिल करके लड़ेगी बीजेपी
Mumbai: BJP will contest BMC elections together with Ajit Pawar and Eknath Shinde
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य में चुनाव आयोग द्वारा वार्डों के सीमांकन की प्रक्रिया के बीच नई दिल्ली में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों के हवाले से बड़ी अपडेट सामने आया है कि बीजेपी राज्य में अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी।
मुंबई: महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य में चुनाव आयोग द्वारा वार्डों के सीमांकन की प्रक्रिया के बीच नई दिल्ली में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों के हवाले से बड़ी अपडेट सामने आया है कि बीजेपी राज्य में अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी। गौरतलब कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इसके संकेत दिए थे, हालांकि बीजेपी मुंबई में बीएमसी के चुनाव अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिल करके लड़ेगी। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय के चुनाव लंबे समय से अटके हुए हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार चुनावों के साथ या बाद में महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बज सकता है।
फडणवीस ने दिए थे पहले संकेत
देवेंद्र फडणवीस ने इससे पहले कहा था कि लोकल बॉडी इलेक्शन में महायुति का गठबंधन बरकरार रहेगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि जहां गठबंधन नहीं होगा। वह फ्रेंडली कॉन्टेस्ट करेंगे। अब सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आई के उसके अनुसार मुंबई के बीएमसी चुनाव को छोड़कर हर जगह बीजेपी अपने दम पर चुनाव लड़ेंगी। मुंबई महा नगरपालिका के चुनाव में सिर्फ महायुति गठबंधन रहेगा। इसके अलावा बीजेपी पूरे राज्य में एकनाथ शिंदे शिवसेना और अजित पवार एनसीपी से अलग चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र में मुंबई के अलावा पुणे और ठाणे के बड़े नगरम निगम हैं।
तीन चरण चुनाव होने की संभावना
सूत्रों की अनुसार महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय के चुनाव तीन चरणों में होने की संभावना है। मुंबई बीएमसी के चुनाव अंतिम चरण में कराए जाने की उम्मीद है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा अभी महाराष्ट्र में जहां भी चुनाव होने हैं। वहां पर वार्डों का सीमांकन किया जा रहा है। इसके बाद इनका आरक्षण तय किया जाएगा। इसके बाद वोटर लिस्ट पर काम शुरू होगा। ऐसे में चुनावों के नवंबर-दिसंबर में होने की उम्मीद है। महायुति की तरह ही स्थानीय निकाय में भी कई जगहों पर गठबंधन टूटने की उम्मीद है, क्योंकि इन चुनावों के लिए बड़ी संख्या कार्यकर्ता दावेदारी करती हैं। गठबंधन में टिकट के विकल्प सीमित हो जाते हैं। पार्टियों के अकेले लड़ने पर ज्यादा कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा।

