मुंबई : मायानगरी में गहरा रहा सांसों पर संकट, मुंबई का AQI पहुंचा 'बहुत खराब' स्थिति में
Mumbai: Breathing crisis deepens in the city of dreams, Mumbai's AQI reaches 'very poor' level.
हमेशा तेज़ी और हलचल से भरा रहता है, इन दिनों बढ़ते प्रदूषण की वजह से चिंता में है। सुबह की हल्की धुंध में घुली धूल और धुएं ने शहर की हवा को इतना भारी कर दिया है कि लोग बाहर निकलने से पहले सोच रहे हैं। मुंबई की सड़कों, समुद्र किनारों और बाजारों में हवा में मौजूद धूलकण साफ महसूस किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों की माने तो यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो लोगों में सांस की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
मुंबई : हमेशा तेज़ी और हलचल से भरा रहता है, इन दिनों बढ़ते प्रदूषण की वजह से चिंता में है। सुबह की हल्की धुंध में घुली धूल और धुएं ने शहर की हवा को इतना भारी कर दिया है कि लोग बाहर निकलने से पहले सोच रहे हैं। मुंबई की सड़कों, समुद्र किनारों और बाजारों में हवा में मौजूद धूलकण साफ महसूस किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों की माने तो यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो लोगों में सांस की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 27 नवंबर 2025 की सुबह 08:59 बजे AQI 303 दर्ज किया गया, जो हवा को 'बहुत खराब' श्रेणी में रखता है। यह स्तर इतना खराब है कि सामान्य लोगों से लेकर पहले से बीमार नागरिकों तक, सभी के स्वास्थ्य पर असर देखने को मिल सकता है। बादलों की मौजूदगी, धीमी हवा और बढ़ती धूल ने हवा को और भी भारी बना दिया है।
हवा में लगातार बढ़ रहा ज़हर दिल्ली की तरह मुंबई में भी पिछले कुछ हफ्तों से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार ऊपर जा रहा है। शहर के कई इलाकों में सुबह हल्की धुंध दिखाई दी, और हवा में धूलकणों की मात्रा सामान्य से काफी अधिक रही। PM 2.5 और PM 10 दोनों ही 'खराब' श्रेणी में पहुँच चुके हैं, जिसका असर सबसे पहले फेफड़ों और आंखों पर पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की हवा में थोड़ी देर रहने पर भी गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और थकान महसूस हो सकती है।
स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ा 'बहुत खराब' श्रेणी के प्रदूषण में केवल बीमार लोग ही नहीं, बल्कि स्वस्थ लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में सांस फूलने की समस्या बढ़ सकती है। हृदय और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे मरीजों पर इसका असर कई गुना ज्यादा होता है। जो लोग सुबह व्यायाम करते हैं, उनके लिए यह हवा बेहद जोखिम भरी हो सकती है। डॉक्टरों ने साफ कहा है कि बाहर निकलना हो तो N95 मास्क जरूर लगाएं और लंबे समय तक खुले में न रहें। एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी गई है।
निर्माण कार्य बने प्रदूषण की बड़ी वजह मुंबई में होने वाली लगातार निर्माण गतिविधियाँ प्रदूषण में प्रमुख योगदान दे रही हैं। BMC ने प्रदूषण फैलाने वाली जगहों पर कारवाही तेज कर दी है: कई निर्माण स्थलों, RMC प्लांट्स को नोटिस भेजे गए हैं। धूल को रोकने के लिए पानी छिड़कना, नेट लगाना और सामग्री को ढककर रखना अनिवार्य किया गया है। बीएमसी ने बिल्डरों को साफ चेतावनी दी है कि नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना और काम बंद करने की कार्रवाई होगी। मौसम बना 'दुश्मन', राहत मुश्किल IMD का कहना है कि हवाओं की गति बेहद धीमी है, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषक फैलने के बजाय वहीं जमा हो रहे हैं। तापमान नीचे आने और बादलों की मौजूदगी ने भी हालात को और खराब कर दिया है। अगले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता में खास सुधार की उम्मीद नहीं है, यानी शहर को अभी प्रदूषण के इस दौर से गुजरना होगा। क्या करना चाहिए? बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रखें। बाहर निकलने पर केवल N95 या N99 मास्क का इस्तेमाल करें। सड़कों, चौराहों और निर्माण स्थलों के पास जाना कम करें। घर में वेंटिलेशन सीमित रखें और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।

