नई दिल्ली : दीपावली से खिला कारोबार, बाजारों में उमड़ी रौनक... कारोबार 5 लाख करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद
New Delhi: Diwali brings a boom in business, markets are buzzing with activity... turnover expected to cross Rs 5 lakh crore.
देश के बाजारों में इस बार दीपावली की रौनक कुछ अलग ही है. दुकानों में खरीदारों की भीड़ है, गलियों में ट्रैफिक बढ़ गया है और हर तरफ उत्साह का माहौल है. छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक, हर जगह लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. व्यापारियों के मुताबिक, इस बार का त्योहारी सीजन बीते कई सालों की तुलना में ज्यादा चमकदार साबित हो रहा है.
नई दिल्ली : देश के बाजारों में इस बार दीपावली की रौनक कुछ अलग ही है. दुकानों में खरीदारों की भीड़ है, गलियों में ट्रैफिक बढ़ गया है और हर तरफ उत्साह का माहौल है. छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक, हर जगह लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. व्यापारियों के मुताबिक, इस बार का त्योहारी सीजन बीते कई सालों की तुलना में ज्यादा चमकदार साबित हो रहा है.
बड़े शहरों से लेकर कस्बों तक भीड़ का नजारा
दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल, इंदौर, पटना, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में बाजारों की हालत यह है कि शाम होते-होते पैर रखने की जगह नहीं बचती. दुकानदार लगातार ग्राहकों की सेवा में जुटे हैं. वहीं छोटे कस्बों और टाउन मार्केट्स में भी लोगों का उत्साह देखने लायक है. कई दुकानों में तो सामान खत्म होने की नौबत आ चुकी है.
मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ अपील से बढ़ी स्वदेशी चीजों की बिक्री
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि पीएम मोदी की “वोकल फॉर लोकल” अपील ने इस बार दीपावली के कारोबार में नई जान डाल दी है. खंडेलवाल के मुताबिक, सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती और स्वदेशी उत्पादों के प्रचार ने लोगों की सोच बदली है. लोग अब विदेशी चीजों के बजाय देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं. इससे ऑनलाइन और विदेशी कंपनियों की बिक्री को झटका लगा है.
कारोबार का आंकड़ा छू सकता है 5 लाख करोड़ रुपये
कैट का अनुमान है कि इस बार दीपावली सीजन में कुल व्यापार ₹5 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकता है. पहले जहां अनुमान 4.75 लाख करोड़ का था, वहीं अब उम्मीद है कि यह आंकड़ा उससे कहीं आगे जाएगा. सिर्फ पारंपरिक बाजार ही नहीं, बल्कि इवेंट मैनेजमेंट, गिफ्ट पैकिंग, टैक्सी सर्विस, डेकोरेशन, मिठाइयों, फूलों, आतिशबाजी और ऑर्केस्ट्रा कलाकारों से जुड़े कारोबार में भी इस बार जबरदस्त बढ़त की संभावना जताई जा रही है.
दीए से लेकर मोबाइल तक– हर चीज की भारी मांग
बाजारों में मिट्टी के दीए, रंगीन कैंडल्स, झालरें, पारंपरिक सजावट की वस्तुएं, सूखे मेवे, उपहार पैक, भारतीय परिधान, सोने-चांदी के गहने, मोबाइल और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री अपने चरम पर है. दुकानदारों का कहना है कि “मेड इन इंडिया” सामान की बिक्री बढ़ी है और ग्राहक अब स्थानीय उत्पादों को ज़्यादा तवज्जो दे रहे हैं. इससे देश के छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बड़ा फायदा हो रहा है.
त्योहारों का सिलसिला अब भी जारी रहेगा. दीपावली के साथ ही त्योहारों की श्रृंखला अभी खत्म नहीं हुई है. 18 अक्टूबर को धनतेरस, 19 को नरक चतुर्दशी, 20 को दीपावली, 22 को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव, 23 को भैया दूज, 27–28 को छठ पूजा और 2 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ त्योहारों का यह दौर आगे बढ़ेगा. हर राज्य और क्षेत्र में इन पर्वों को लेकर अलग-अलग तैयारियां चल रही हैं.

