छिंदवाड़ा : कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मृत्यु ; बिक्री पर प्रतिबंध
Chhindwara: Children die after consuming Coldrif syrup; sale banned
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से कुछ बच्चों की मृत्यु का दुखद मामला सामने आया है. इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. इस सिरप को बनाने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही, कंपनी के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है. यह कदम बच्चों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखकर उठाया गया है.
छिंदवाड़ा : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से कुछ बच्चों की मृत्यु का दुखद मामला सामने आया है. इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. इस सिरप को बनाने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही, कंपनी के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है. यह कदम बच्चों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखकर उठाया गया है.
यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित एक फैक्ट्री में बनाया जाता है. जैसे ही यह मामला सरकार के संज्ञान में आया, मध्य प्रदेश सरकार ने तमिलनाडु सरकार से इसकी जांच करने का अनुरोध किया था. आज सुबह तमिलनाडु सरकार की ओर से जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें सिरप की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर गंभीर खामियां सामने आई हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार ने तुरंत कड़ा एक्शन लिया है. दोषी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
1. यदि विषयगत औषधि उपलब्ध पाई जाती है, तो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें तथा औषधि का निपटान न करने के निर्देश के साथ उसे तुरंत फ्रीज कर दें…
2. संबंधित औषधि की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकें तथा अपने अधिकार क्षेत्र में बिक्री/वितरण के लिए इसकी अनुपलब्धता सुनिश्चित करें.
3. परीक्षण/विश्लेषण के लिए विषयगत औषधि का नमूना लें और परीक्षण/विश्लेषण के लिए तुरंत औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं को भेजें (केवल हाथ से).
4. सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्राधिकार में अन्य बैचों के कोल्ड्रिफ सिरप की उपलब्धता न हो. यदि उपलब्ध हो, तो परीक्षण/विश्लेषण के लिए नमूने लें और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार दवा का निपटान न करने के निर्देश के साथ उन्हें तुरंत फ्रीज कर दें.
5. व्यापक जनहित में, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार श्रीसन फार्मास्युटिकल, नंबर 787, बंगलौर हाईवे, सुंगुवाचत्रम (मथुरा) कांचीपुरम जिला, 602106 द्वारा निर्मित अन्य सभी उत्पादों की बिक्री और वितरण को रोकने और परीक्षण/विश्लेषण के लिए कानूनी नमूने लेने का निर्देश दिया जाता है.
6. संबंधित दवा की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखना
छिंदवाड़ा में बच्चों की मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर जांच और कार्रवाई शुरू कर दी गई थी. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम भी गठित की है. इस टीम का काम है कि इस घटना के हर पहलू की गहन जांच की जाए और दोषियों को चिह्नित किया जाए. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो.
यह घटना न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ा सबक है. सरकार ने दवाइयों की गुणवत्ता और उनकी जांच प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला किया है. जनता की सुरक्षा के लिए दवा कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी. इस दुखद घटना ने दवा उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को फिर से उजागर किया है. सरकार का कहना है कि बच्चों की जान की कीमत पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

