मुंबई: 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त
Mumbai: Banned Chinese firecrackers worth Rs 35 crore seized

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई जोनल यूनिट ने चीनी पटाखों और आतिशबाज़ी की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। ‘ऑपरेशन फायर ट्रेल’ के तहत डीआरआई ने करीब 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त किए हैं। ये पटाखे न्हावा शेवा पोर्ट, मुंद्रा पोर्ट और कांडला एसईजेड पर भेजे गए या वहीं पड़े सात कंटेनरों में छिपाकर लाए गए थे।
मुंबई: राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई जोनल यूनिट ने चीनी पटाखों और आतिशबाज़ी की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। ‘ऑपरेशन फायर ट्रेल’ के तहत डीआरआई ने करीब 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त किए हैं। ये पटाखे न्हावा शेवा पोर्ट, मुंद्रा पोर्ट और कांडला एसईजेड पर भेजे गए या वहीं पड़े सात कंटेनरों में छिपाकर लाए गए थे। करीब 100 मीट्रिक टन वज़न वाले इन पटाखों को ‘मिनी डेकोरेटिव प्लांट्स’, ‘आर्टिफिशियल फ्लावर्स’ और ‘प्लास्टिक मैट्स’ के रूप में गलत जानकारी देकर आयात किया गया था। यह आयात एक केएसईजेड यूनिट और कुछ आयात-निर्यात कोड (आईईसी) धारकों के नाम पर किया गया था।
डीआरआई की जांच में सामने आया कि कुछ खेपों को कांडला एसईजेड के रास्ते घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में अवैध रूप से लाने की योजना थी। इस मामले में एक प्रमुख व्यक्ति, जो संबंधित एसईजेड यूनिट का भागीदार है, को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर गलत घोषणा और एसईजेड नियमों के दुरुपयोग के जरिए तस्करी का आरोप है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि विदेश व्यापार नीति के तहत पटाखों का आयात ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में आता है और इसके लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। ये पटाखे खतरनाक रसायनों जैसे रेड लेड, कॉपर ऑक्साइड और लिथियम आदि से युक्त होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक हैं। डीआरआई के अनुसार, पटाखों की अत्यधिक ज्वलनशील प्रकृति बंदरगाहों की सुरक्षा, लॉजिस्टिक सप्लाई चेन और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
डीआरआई ने यह कार्रवाई बेहद सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से की, जिससे इन अवैध पटाखों की भारतीय बाजार में आपूर्ति को रोका जा सका। इससे न केवल संभावित विस्फोटों की आशंका टली, बल्कि बंदरगाहों और परिवहन व्यवस्था को भी नुकसान से बचाया गया। डीआरआई ने कहा है कि वह तस्करी करने वाले नेटवर्क को पकड़ने, रोकने और खत्म करने के अपने मिशन पर लगातार कार्य करता रहेगा, ताकि देश की सुरक्षा और वैध व्यापार प्रणाली सुरक्षित रह सके।