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मुंबई : 6.32 करोड़ रुपये मूल्य के 20 मीट्रिक टन तस्करी किए गए चीनी पटाखों की बड़ी खेप जब्त

मुंबई : 6.32 करोड़ रुपये मूल्य के 20 मीट्रिक टन तस्करी किए गए चीनी पटाखों की बड़ी खेप जब्त मुंबई स्थित DRI ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर 6.32 करोड़ रुपये मूल्य के 20 मीट्रिक टन तस्करी किए गए चीनी पटाखों/आतिशबाजियों की एक बड़ी खेप जब्त की है। इन पटाखों की तस्करी पुलिस की पकड़ से बचने के लिए उन्हें "लेगिंग्स" बताकर की जा रही थी। खेप की जांच करने पर, डीआरआई अधिकारियों ने पाया कि कंटेनर का 95% हिस्सा चीनी पटाखों/आतिशबाजियों से भरा हुआ था, जिन्हें असली सामग्री को छिपाने के लिए आगे की तरफ लेगिंग्स की एक ऊपरी परत के पीछे छिपाया गया था। 
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मुंबई: 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त

मुंबई: 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई जोनल यूनिट ने चीनी पटाखों और आतिशबाज़ी की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। ‘ऑपरेशन फायर ट्रेल’ के तहत डीआरआई ने करीब 35 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित चीनी पटाखे जब्त किए हैं। ये पटाखे न्हावा शेवा पोर्ट, मुंद्रा पोर्ट और कांडला एसईजेड पर भेजे गए या वहीं पड़े सात कंटेनरों में छिपाकर लाए गए थे।
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Maharashtra 

मुंबई : पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए चीनी ड्रोन का निपटारा करने के लिए भारत ने 15 लाख के मिसाइल क्यों दागे? - कांग्रेस

मुंबई : पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए चीनी ड्रोन का निपटारा करने के लिए भारत ने 15 लाख के मिसाइल क्यों दागे? - कांग्रेस महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टिवार ने सरकार से एक ऐसा सवाल किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. कांग्रेस नेता का सवाल था कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब तनाव चल रहा था, तब पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए चीनी ड्रोन का निपटारा करने के लिए भारत ने 15 लाख के मिसाइल क्यों दागे?  
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मराठी में नहीं लिखे थे बोर्ड... राज ठाकरे गुट ने चाइनीज शोरूम पर दागे काली स्याही से भरे गुब्बारे

मराठी में नहीं लिखे थे बोर्ड...  राज ठाकरे गुट ने चाइनीज शोरूम पर दागे काली स्याही से भरे गुब्बारे ठाणे नगर निगम हो या महाराष्ट्र सरकार को तुरंत महाराष्ट्र के सभी दुकानों के बोर्ड को मराठी में लगाने का तत्काल आदेश निकालना चाहिए। अगर जल्द से जल्द महाराष्ट्र के सभी दुकानों पर मराठी बोर्ड नहीं लगा तो अगर राज्य में लॉ एंड ऑर्डर खराब होगी तो उसकी ज़िम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार की होगी।
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