मुंबई सेंट्रल की EMU कारशेड में नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण; कारशेड में ट्रेन की सुरक्षा और संचालन के लिए 45 क्रिटिकल एक्टिविटी
Mumbai Central's EMU car shed is a living example of women's empowerment; 45 critical activities for train safety and operation are carried out at the car shed.
दशहरा पर जहां पूरे देश में देवियों की पूजा कर उनकी शक्ति का स्मरण किया जाता है, वहीं मुंबई सेंट्रल की EMU कारशेड में नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण देखने को मिलता है. यहां मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाली लोकल ट्रेनों का मेंटेनेंस होता है, ताकि यह सुरक्षित और समय पर चलती रहें. पश्चिम रेलवे के CPRO विनीत अभिषेक ने कहा, “दशहरा शक्ति का प्रतीक है और उसी शक्ति का अनुसरण हमारी महिला कर्मचारी कर रही हैं.
मुंबई : दशहरा पर जहां पूरे देश में देवियों की पूजा कर उनकी शक्ति का स्मरण किया जाता है, वहीं मुंबई सेंट्रल की EMU कारशेड में नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण देखने को मिलता है. यहां मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाली लोकल ट्रेनों का मेंटेनेंस होता है, ताकि यह सुरक्षित और समय पर चलती रहें. पश्चिम रेलवे के CPRO विनीत अभिषेक ने कहा, “दशहरा शक्ति का प्रतीक है और उसी शक्ति का अनुसरण हमारी महिला कर्मचारी कर रही हैं. कारशेड में ट्रेन की सुरक्षा और संचालन के लिए 45 क्रिटिकल एक्टिविटीज होती हैं, जिनमें से कुछ सुपर-क्रिटिकल हैं. इन्हें एक डेडीकेटेड ऑल-वुमन टीम संभालती है ताकि हर ट्रेन सुरक्षित रूप से ट्रैक पर दौड़ सके. कारशेड में 1100 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 10% महिलाएं हैं और ये कई अहम कार्यों को अंजाम देती हैं.”
'हमारे काम में गलती की कोई गुंजाइश नहीं'
पश्चिम रेलवे की सीनियर सेक्शन इंजीनियर नीतू पांडे ने बताया कि महिला टीम बोगियों की क्लियरेंस, डैशबोर्ड की ऑयलिंग और अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यों की ज़िम्मेदारी निभाती है. उन्होंने कहा, “हमारे काम में त्रुटि की कोई गुंजाइश नहीं है. अगर किसी कोच में कोई खामी मिलती है तो उसे ठीक किए बिना कभी सर्विस में नहीं दिया जाता. हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हर ट्रेन में यात्रा करने वाले लगभग 5000 लोग सुरक्षित और निश्चिंत होकर अपने गंतव्य तक पहुंचें.”
हमारी महिला टीम चुनौतीपूर्ण कार्य करती है- नीतू पांडे
नीतू पांडे ने आगे कहा, “यह काम सामान्यतः पुरुष प्रधान माना जाता है, लेकिन हमारी महिला टीम यह चुनौतीपूर्ण कार्य करती है. एक कोच में 8 लोकेशन होती हैं और 12 डिब्बों की ट्रेन में कुल 96 लोकेशन. हर लोकेशन को खोलकर तेल का स्तर चेक करना, ज़रूरत पड़ने पर भरना और फिर नट-बोल्ट कसना, यह बेहद मेहनत और तकनीकी समझ का काम है.
कारशेड में आने वाली लोकल ट्रेनों की चेकिंग और टेस्टिंग
उन्होंने ये भी कहा, ''हमारी महिलाएं 2 से 3 की टीम बनाकर इन 96 लोकेशंस पर काम करती हैं और समय सीमा के भीतर उसे पूरा करती हैं. उदाहरण के तौर पर सुबह 10 बजे कारशेड में आने वाली लोकल को शाम 5 बजे तक पूरी तरह चेकिंग और टेस्टिंग कर सर्विस में देना होता है.”
मुंबई लोकल ट्रेनों की तकनीकी सुरक्षा में नारी शक्ति!
दशहरा पर जब नारी शक्ति का महत्व और पूजा की जाती है, उसी शक्ति का वास्तविक रूप मुंबई की लोकल ट्रेनों की सुरक्षा और समयबद्धता सुनिश्चित करने वाली महिला इंजीनियरों और कर्मचारियों में देखने को मिलता है. ये महिलाएं साबित कर रही हैं कि सार्वजनिक सुरक्षा और तकनीकी उत्कृष्टता में उनका योगदान किसी भी तरह से कम नहीं है.

