मुबंई : मानव तस्करी और जाली पासपोर्ट के गिरोह का भंडाफोड़

Mumbai: Human trafficking and fake passport racket busted

मुबंई : मानव तस्करी और जाली पासपोर्ट के गिरोह का भंडाफोड़

पुलिस ने आव्रजन प्रणाली में खामियों का फायदा उठाकर मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। साथ ही मुख्य आरोपी रोशन भास्कर दुधवाडकर को भी गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक प्रमुख आरोपी रोशन भास्कर दुधवाडकर (50) को गिरफ्तार करके बड़े पैमाने पर चल रहे मानव तस्करी और जाली पासपोर्ट के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के अनुसार, दुधवाडकर और उसके साथी राजेश पंचाल ने जाली यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 80 भारतीय नागरिकों को कनाडा, नीदरलैंड, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों में अवैध रूप से भेजने में मदद की। 

मुबंई : पुलिस ने आव्रजन प्रणाली में खामियों का फायदा उठाकर मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। साथ ही मुख्य आरोपी रोशन भास्कर दुधवाडकर को भी गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक प्रमुख आरोपी रोशन भास्कर दुधवाडकर (50) को गिरफ्तार करके बड़े पैमाने पर चल रहे मानव तस्करी और जाली पासपोर्ट के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के अनुसार, दुधवाडकर और उसके साथी राजेश पंचाल ने जाली यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 80 भारतीय नागरिकों को कनाडा, नीदरलैंड, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों में अवैध रूप से भेजने में मदद की। 
 
एफपीआरओ के जरिये मिली थी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना
मुंबई पुलिस को  विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफपीआरओ) के माध्यम से दुधवाडकर की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। मुंबई पुलिस की टीम ने हवाई अड्डे पर दुधवाडकर को हिरासत में लिया। वह अंधेरी पूर्व में रहता है।  
 
जाली पासपोर्ट और वीजा बनाने के लिए प्रति यात्री लिए 30 से 50 लाख रुपये
जांच में पता चला है कि राजेश पंचाल जाली पासपोर्ट और वीजा बनाने का काम करता था और प्रति यात्री 30 से 50 लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूली। पंचाल ने दुधवाडकर के साथ मिलकर यात्रियों की हवाई अड्डे से सुचारू निकासी के लिए जाली दस्तावेज पेश किए। इसके लिए दुधवाडकर को प्रति यात्री 50,000 रुपये मिलते थे। आरोप है कि दोनों आरोपी मिलकर आव्रजन प्रणाली में खामियों का फायदा उठाकर भारतीय अधिकारियों को धोखा देते थे।