गयाः देश को मिले 207 सैन्य अफसर, 23 बेटियों ने भरी उड़ान
Gaya: The country got 207 military officers, 23 daughters flew
ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) गया में शनिवार को 27वां पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ. इस ऐतिहासिक मौके पर 207 कैडेट्स ने अंतिम पग भरते ही भारतीय सैन्य अफसर के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली. खास बात यह रही कि इस बार सेना को 23 महिला अधिकारी भी मिलीं, जिन्होंने देश सेवा के लिए शपथ ली.
गयाः ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) गया में शनिवार को 27वां पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ. इस ऐतिहासिक मौके पर 207 कैडेट्स ने अंतिम पग भरते ही भारतीय सैन्य अफसर के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली. खास बात यह रही कि इस बार सेना को 23 महिला अधिकारी भी मिलीं, जिन्होंने देश सेवा के लिए शपथ ली. परेड के मुख्य अतिथि भारतीय सेना के सेंट्रल कमान के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्यसेन गुप्ता थे. उन्होंने परेड की सलामी ली और प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया. ड्रिल, फिजिकल ट्रेनिंग, वेपन हैंडलिंग, सर्विस सब्जेक्ट्स और अकादमिक प्रदर्शन में श्रेष्ठ रहने वाले कैडेट्स को पुरस्कार दिए गए.
पुरस्कार और सम्मान
खेतरपाल बटालियन को बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए कमांडेंट बैनर से नवाजा गया. महाराष्ट्र के लेफ्टिनेंट कुलथे ध्रुव को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए शौर्य ऑफ ऑनर मिला. ध्रुव के पिता भी भारतीय सेना में रहे हैं और कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) के दौरान देश की सेवा की थी. परेड के बाद भावुक कर देने वाली पीपिंग सेरेमनी हुई. इस दौरान कैडेट्स के माता-पिता ने उनके कंधों पर बैज लगाकर उन्हें भारतीय सेना को समर्पित किया. किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे, तो कोई गर्व से अपने बेटे-बेटी को गले लगाता नजर आया.
पुरस्कार और सम्मान
खेतरपाल बटालियन को बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए कमांडेंट बैनर से नवाजा गया. महाराष्ट्र के लेफ्टिनेंट कुलथे ध्रुव को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए शौर्य ऑफ ऑनर मिला. ध्रुव के पिता भी भारतीय सेना में रहे हैं और कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) के दौरान देश की सेवा की थी. परेड के बाद भावुक कर देने वाली पीपिंग सेरेमनी हुई. इस दौरान कैडेट्स के माता-पिता ने उनके कंधों पर बैज लगाकर उन्हें भारतीय सेना को समर्पित किया. किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे, तो कोई गर्व से अपने बेटे-बेटी को गले लगाता नजर आया.
गया का बेटा बना लेफ्टिनेंट
गया शहर के उज्जवल कुमार भी इस परेड के बाद लेफ्टिनेंट बने. उज्जवल ने बताया कि उन्होंने दो बार नेवी में प्रयास किया था, लेकिन मेडिकल कारणों से चयन नहीं हो पाया. तीसरे प्रयास में आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ. उनके पिता जैनेंद्र कुमार सिंह, जो ईंट-भट्टा व्यवसायी हैं, ने खुशी जाहिर करते हुए कहा – “आज मेरा बेटा लेफ्टिनेंट बन गया है, इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है.”
भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार
मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्यसेन गुप्ता ने कहा कि ये सभी युवा अधिकारी पहले तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और पिछले 11 महीनों में इन्हें बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी गई है. अब ये बड़ी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध का स्वरूप लगातार बदल रहा है और भारतीय सेना ड्रोन, इंटेलिजेंस और हाइब्रिड वारफेयर समेत हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम है.

