नई दिल्ली : अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य; मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लिए रणनीति

New Delhi: Target to end the problem of Naxalism from the country by next year; Strategy for Madhya Pradesh, Maharashtra and Chhattisgarh

नई दिल्ली : अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य; मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लिए रणनीति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। नक्सली मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को एक जोन बनाकर अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। इस कारण तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारी जल्द ही बैठक कर नक्सली समस्या को खत्म करने के लिए रणनीति बनाएंगे। आपस में खुफिया जानकारियां साझा की जाएंगी। मध्य प्रदेश में नक्सली गतिविधि की सूचना देने वालों के लिए पुरस्कार की राशि भी बढ़ाने की तैयारी है।

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। नक्सली मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को एक जोन बनाकर अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। इस कारण तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारी जल्द ही बैठक कर नक्सली समस्या को खत्म करने के लिए रणनीति बनाएंगे। आपस में खुफिया जानकारियां साझा की जाएंगी। मध्य प्रदेश में नक्सली गतिविधि की सूचना देने वालों के लिए पुरस्कार की राशि भी बढ़ाने की तैयारी है।

एमपी में करीब 70 नक्स‍ली हैं सक्रिय
मध्य प्रदेश के लिए यह रणनीति इसलिए महत्वपूर्ण है कि यहां सक्रिय लगभग 70 नक्सलियों में तीन ही मूल रूप से मध्य प्रदेश के हैं। बाकी में अधिकतर छत्तीसगढ़ और कुछ महाराष्ट्र से आए हैं। प्रशिक्षण भी वह छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र में ही लेते हैं। दूसरी बात यह कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को मारने, गिरफ्तार करने और आत्मसमर्पण कराने के लिए ताबड़तोड़ अभियान चल रहा है। ऐसे में आशंका यह रहती है कि कहीं उधर के नक्सली छुपकर मध्य प्रदेश में नहीं आ जाएं। ऐसे में अब सूक्ष्म स्तर पर रणनीति बनाने की तैयारी है

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मध्य प्रदेश पुलिस की तैयारी
खुफिया तंत्र को मजबूत करने कर्मचारियों की संख्या और बजट बढ़ाया जाएगा। पैरामिलिट्री फोर्स का भी सहयोग लिया जाएगा। नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में सड़कों का निर्माण, मोबाइल टावर लगाने, सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों के माध्यम से दूसरे नक्सलियों का भी समर्पण कराने का प्रयास किया जाएगा। 

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इस तरह की बनेगी रणनीति
नक्सल विरोधी आपरेशन में तीनों राज्य एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। नक्सलियों के पास से जब्त साहित्य व सामग्री के बारे में जानकारी साझा करेंगे, जिससे दूसरे राज्यों को अपनी तैयारी रखने में मदद मिले। जोनल कमेटी के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी होने पर संबंधित राज्य में जाकर उनसे पूछताछ कर सकेंगे। मुठभेड़ के बाद राज्यों की सीमाओं में चौकसी के बारे में जानकारी साझा करेंगे।

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