जाम से जूझ रहे शहरों को तोहफा! ऑफिस-कॉलेज जाने में नहीं होगी लेट, रिंग रोड और बाइपास से कनेक्टिविटी होगी बेहतर

A gift to cities struggling with traffic jams! You will not be late in reaching office or college, connectivity will improve with ring road and bypass

  जाम से जूझ रहे शहरों को तोहफा! ऑफिस-कॉलेज जाने में नहीं होगी लेट, रिंग रोड और बाइपास से कनेक्टिविटी होगी बेहतर

शहरों में नेशनल हाईवे पर लगने वाले जाम से अब जल्द राहत मिलने वाली है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में एक में परामर्श कार्यशाला की अध्यक्षता की, जिसमें देश भर की राज्य सरकारों के अधिकारी और नगर निगम के आयुक्त शामिल हुए. इस बैठक में शहरों के आसपास नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए कई बड़े कदमों पर बात हुई. रवि सिंह के अनुसार, इनमें रिंग रोड और बाइपास बनाने, सड़क परियोजनाओं के लिए नए फंडिंग मॉडल अपनाने और शहरों के मास्टर प्लान के साथ सड़क योजनाओं को जोड़ने जैसे मुद्दे शामिल थे. इन कदमों से न सिर्फ जाम की समस्या कम होगी, बल्कि शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और उनका विकास योजनाबद्ध और सही तरीके से होगा.

दिल्ली : शहरों में नेशनल हाईवे पर लगने वाले जाम से अब जल्द राहत मिलने वाली है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में एक में परामर्श कार्यशाला की अध्यक्षता की, जिसमें देश भर की राज्य सरकारों के अधिकारी और नगर निगम के आयुक्त शामिल हुए. इस बैठक में शहरों के आसपास नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए कई बड़े कदमों पर बात हुई. रवि सिंह के अनुसार, इनमें रिंग रोड और बाइपास बनाने, सड़क परियोजनाओं के लिए नए फंडिंग मॉडल अपनाने और शहरों के मास्टर प्लान के साथ सड़क योजनाओं को जोड़ने जैसे मुद्दे शामिल थे. इन कदमों से न सिर्फ जाम की समस्या कम होगी, बल्कि शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और उनका विकास योजनाबद्ध और सही तरीके से होगा.
 
रिंग रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की तैयारी
नेशनल हाईवे पर जाम की समस्या देश के कई बड़े शहरों में आम है. खासकर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में भारी ट्रैफिक की वजह से लोग घंटों जाम में फंस जाते हैं. इससे समय, ईंधन भी बर्बाद होता है. इस समस्या को हल करने के लिए सरकार अब रिंग रोड और बाइपास पर जोर दे रही है. रिंग रोड और बाइपास का मतलब है कि भारी वाहनों और बाहर से आने वाले ट्रैफिक को शहर के अंदर घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे शहर की सड़कों पर दबाव कम होगा और स्थानीय लोग आसानी से सफर कर सकेंगे. दिल्ली में रिंग रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना है, जो ट्रैफिक को सुगम बनाएगी.
 
नए फंडिंग मॉडल से मिलेगी सुविधा
बैठक में नए फंडिंग मॉडल पर भी चर्चा हुई. सड़क परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाने के लिए सरकार अब पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) और हाइब्रिड एन्युटी मॉडल जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रही है. इन मॉडल्स में निजी कंपनियां सड़कें बनाती हैं और टोल के जरिए अपनी लागत वसूल करती हैं. सरकार भी इसमें कुछ हिस्सा देती है, ताकि परियोजनाएं जल्दी पूरी हों.
इससे न सिर्फ सड़कें तेजी से बनेंगी, बल्कि रखरखाव भी बेहतर होगा. साथ ही, शहरों के मास्टर प्लान के साथ सड़क योजनाओं को जोड़ने की बात हुई. इसका मतलब है कि सड़कों का निर्माण शहरों के भविष्य के विकास को ध्यान में रखकर होगा. इससे शहरों का विस्तार योजनाबद्ध तरीके से होगा और जाम, प्रदूषण जैसी समस्याएं कम होंगी.