मुंबई : ४०० टीसी पर है ७० लाख यात्रियों का जिम्मा!
Mumbai: 400 TCs are responsible for 70 lakh passengers!
पश्चिम रेलवे व मध्य रेलवे मेगा टिकट चेकिंग अभियान समय-समय पर चला रही है, जिसमें बेटिकट यात्री पकड़े जा रहे हैं। बेटिकट यात्रियों की संख्या और भी बढ़ सकती है, लेकिन रेलवे शहर में टीसी की कमी से जूझ रहा है। मध्य रेलवे व पश्चिम रेलवे दोनों को मिलाकर लगभग ४०० टीसी हैं, जो लगातार ड्यूटी करते हैं। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अमूमन ६०० से ७०० टीसी की आवयश्कता है। रेलवे बोर्ड रिक्त पदों पर भर्तियां निकालता है।
मुंबई : पश्चिम रेलवे व मध्य रेलवे मेगा टिकट चेकिंग अभियान समय-समय पर चला रही है, जिसमें बेटिकट यात्री पकड़े जा रहे हैं। बेटिकट यात्रियों की संख्या और भी बढ़ सकती है, लेकिन रेलवे शहर में टीसी की कमी से जूझ रहा है। मध्य रेलवे व पश्चिम रेलवे दोनों को मिलाकर लगभग ४०० टीसी हैं, जो लगातार ड्यूटी करते हैं। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अमूमन ६०० से ७०० टीसी की आवयश्कता है। रेलवे बोर्ड रिक्त पदों पर भर्तियां निकालता है। मौजूदा समय में मध्य रेलवे में १७०-१८० टीसी हैं लेकिन इसमें से भी ३५ से ४० टीसी छुट्टी या अन्य कारणों से ड्यूटी पर नहीं रहते हैं यानी मात्र १३० टीसी ही ऑन ड्यूटी रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शायद यही वजह है कि रात को लोकल ट्रेनों में या स्टेशनों पर टीसी नहीं रहते है। यही हाल पश्चिम रेलवे का है, जहां लगभग २०० टीसी हैं, लेकिन छुट्टी या रेस्ट की वजह से ड्यूटी पर १२०-१४० टीसी ही रहते हैं।
यात्रियों का आरोप
वहीं अधिकारियों का कहना है कि टीसी की जरूरत है, लेकिन यह पूरी तरह रेलवे बोर्ड पर निर्भर करता है। वहीं यात्रियों ने रेलवे पर आरोप लगाया है कि शाम के पीक आवर्स में एसी लोकल व फर्स्ट क्लास डिब्बों में सेकेंड क्लास टिकट या पास या बेटिकट यात्री चढ़ जाते हैं, जिससे भीड़ हो जाती है। इस वजह से जो एसी का पास लिया होता है, वह चढ़ नहीं पाता है। उन्होंने मांग की है कि टीसी की तादाद बढ़ाई जाए, ताकि बेटिकट या सेकेंड क्लास के यात्रियों को पकड़ा जाए, जिससे एसी व फर्स्ट क्लास डिब्बों में भीड़ को कम किया जा सके।
त्योहारों पर होती है अधिक भीड़
यात्रियों ने कहा कि कोई भी त्योहार होने पर कई लोग सेकेंड क्लास की टिकट लेकर फर्स्ट क्लास में चढ़ जाते हैं, ऐसे में वैध यात्रियों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। उन्होंने रेलवे से गुहार लगाई है कि टीसी की संख्या बढ़ाई जाए।
सुबह और शाम के वक्त लोकल ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी रहती है। ऐसे में टीसी का चढ़कर टिकट चेक करना मुमकिन नहीं होता है इसलिए टीसी स्टेशनों पर खड़े रहते हैं और बेटिकट यात्रियों पर जुर्माना लगाते हैं।’
-मध्य रेलवे अधिकारी

