मुंबई : मुफ्त में मिट्टी, रंग और जगह फिर भी नहीं घटी मूर्तियों की कीमत...

Mumbai: Clay, color and space are free but the price of idols has not decreased...

मुंबई : मुफ्त में मिट्टी, रंग और जगह फिर भी नहीं घटी मूर्तियों की कीमत...

मनपा उपायुक्त प्रशांत सकपाल ने कहा की वार्ड की मांग के अनुसार कृतिम तालाब की संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले साल मनपा ने कुल 204 कृत्रिम तालाब बनाकर पर्यावरण अनुकूल उत्सव के लिए उपलब्ध कराया था। इस वर्ष भी उसी तर्ज पर अधिकाधिक कृत्रिम तालाब बनाकर मुंबईकरों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील तरीके से मूर्ति विसर्जन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उप आयुक्त तथा गणेशोत्सव समन्वयक प्रशांत सपकाले ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने बप्पा का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में करें और पर्यावरणपूरक उत्सव को सफल बनाएं।

मुंबई : मनपा प्रशासन ने गणेश मूर्तिकारों को गणेश मूर्ती बनाने के लिए मुफ्त में जगह से लेकर मिट्टी और मूर्ति को रंगने के लिए रंग आदि सभी चीजें दीं। बावजूद इसके मूर्तिकारों ने मूर्तियों की कीमत में कोई कटौती नहीं की। उलटा मूर्तियों के दाम में बढ़ोत्तरी कर दी। जिसके चलते मुंबईकरों का सवाल है कि इस लाभका फायदा श्रद्धालुओं को भी मिलेगा या नहीं। मुंबई में घरेलू गणेशोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। शहर के उपनगरों में लगभग दो लाख घरों में गणपति की स्थापना होती है। पिछले कुछ वर्षों में मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस और रंगों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मूर्तियों के दाम भी काफी बढ़े हैं। करीब दस साल पहले डेढ़ से दो फुट की मिट्टी की गणेश मूर्ति की कीमत 500 से 800 रुपये थी, जो अब 4 से 5 हजार रुपये हो गई है।

कुछ स्थानों पर यही मूर्तियां 5 से 7 हजार रुपये तक बेची जा रही हैं। मूर्ति जितनी ऊंची होती है, कीमत उतनी ही ज्यादा होती जाती है। लेकिन चूंकि बप्पा घर आ रहे हैं, इसलिए लोग कीमत पर ज्यादा चर्चा नहीं करते और अक्सर कहा जाता है कि गणपति बाप्पा की कीमत नहीं लगाई जाती। बीते कुछ वर्षों से मुंबई महानगरपालिका मूर्तिकारों को मुफ्त मिट्टी उपलब्ध करवा रही है, साथ ही मूर्ति निर्माण के लिए सस्ती जगह भी मुहैया कराती है। लेकिन मूर्तिकारों ने मूर्तियों की कीमतों में कोई खास कमी नहीं की है। इस साल तो महानगरपालिका ने मुफ्त रंग भी देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मूर्ति निर्माण के लिए मंडप की व्यवस्था भी मुफ्त की गई है। ऐसे में यह अपेक्षित है कि मूर्तियों की कीमतों में गिरावट आए।

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952 टन मिट्टी, 10,800 लीटर रंग होंगे वितरित
अब जब मूर्तिकारों को मिट्टी और रंग के लिए अपने जेब से खर्च नहीं करना पड़ रहा, तो उन्हें इसका लाभ श्रद्धालुओं को देना चाहिए। पहले यह सारा खर्च स्वयं वहन करना पड़ता था, लेकिन अब लागत घट गई है, जिससे मूर्तिकारों को अच्छा आर्थिक लाभ हो रहा है। इसी वजह से मुंबईकर अब यह सीधा सवाल पूछ रहे हैं कि क्या इस बार मूर्तियों की कीमतें कम होंगी? मुर्तियों की कीमत तय करने का अधिकार पूरी तरह से मूर्तिकारों का है। मुंबई महानगरपालिका ने मूर्तिकारों को पर्यावरण अनुकूल गणेशोत्सव के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुफ्त मिट्टी और रंग रंग देने का निर्णय लिया है।

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इस साल 952 टन शाडू मिट्टी और 10,800 लीटर रंग वितरित किए जाएंगे। इससे मूर्तिकारों का खर्च भले ही कम हो जाए, लेकिन मूर्तियों की कीमतें घटाना या न घटाना उनका निजी निर्णय है, ऐसा मत एक वरिष्ठ अधिकारी ने व्यक्त किया। गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए बढ़ेंगे कृतिम तालाब पर्यावरण अनुकूल श्रीगणेशोत्सव को प्रोत्साहित करने के लिए मनपा प्रशासन ने इस साल कृत्रिम तालाब की संख्या बढ़ाएगी।

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मनपा उपायुक्त प्रशांत सकपाल ने कहा की वार्ड की मांग के अनुसार कृतिम तालाब की संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले साल मनपा ने कुल 204 कृत्रिम तालाब बनाकर पर्यावरण अनुकूल उत्सव के लिए उपलब्ध कराया था। इस वर्ष भी उसी तर्ज पर अधिकाधिक कृत्रिम तालाब बनाकर मुंबईकरों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील तरीके से मूर्ति विसर्जन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उप आयुक्त तथा गणेशोत्सव समन्वयक प्रशांत सपकाले ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने बप्पा का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में करें और पर्यावरणपूरक उत्सव को सफल बनाएं।

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