नई दिल्ली : प्रधानमंत्री और आरएसएस पर आपत्तिजनक कार्टून; कार्टूनिस्ट ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
New Delhi: Objectionable cartoon on PM and RSS; Cartoonist approached Supreme Court for relief

प्रधानमंत्री और आरएसएस पर आपत्तिजनक कार्टून फेसबुक पर पोस्ट करने के केस का सामना कर रहे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हेमंत मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अग्रिम जमानत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री और आरएसएस पर आपत्तिजनक कार्टून फेसबुक पर पोस्ट करने के केस का सामना कर रहे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हेमंत मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अग्रिम जमानत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गत तीन जुलाई को हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग है। हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद मालवीय अब राहत की गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
जल्दी सुनवाई का किया था अनुरोध
शुक्रवार को मालवीय की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जोयमाल्या बाग्ची की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया। ग्रोवर ने कहा कि ये मामला एक कार्टून से जुड़ा है जिसे मालवीय ने 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बनाया था। कहा आरोपित अपराध में बीएनएस के तहत तीन साल की सजा का प्रविधान है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कार्टूनिस्ट की निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले को 14 जुलाई को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया।
आरएसएस कार्यकर्ता ने की थी शिकायत
इस मामले में आरएसएस कार्यकर्ता और स्थानीय वकील विनय जोशी ने मई में इंदौर के लसूडिया थाने में हेमंत मालवीय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और सांप्रदायिक सौहार्द खराब होता है। शिकायत में कई आपत्तिजनक पोस्टों का जिक्र किया गया था जिसमें भगवान शिव के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी और कार्टून, वीडियो, फोटो , और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस वर्कर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी आदि शामिल थी।