मुंबई के डब्बावालों ने किया दाम बढ़ाने का ऐलान
Mumbai's dabbawalas announced a hike in their prices

मौजूदा समय में महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले मुंबई के बेस्ट बसों और रिक्शा के किराए में बढ़ोतरी की गई थी. इसकी वजह से कई अन्य वर्ग ने भी अपनी सेवाओं को महंगा कर दिया है। कामकाजी वर्ग के लिए लंच पहुंचाने वाले और अपने समय की पाबंदी के लिए दुनिया भर में मशहूर मुंबई के डब्बावालों की सेवाएं भी महंगी हो गई हैं। अब हर कोच के लिए मासिक शुल्क में 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ी हुई कीमत इसी महीने से लागू की गई है।
मुंबई : मौजूदा समय में महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले मुंबई के बेस्ट बसों और रिक्शा के किराए में बढ़ोतरी की गई थी. इसकी वजह से कई अन्य वर्ग ने भी अपनी सेवाओं को महंगा कर दिया है। कामकाजी वर्ग के लिए लंच पहुंचाने वाले और अपने समय की पाबंदी के लिए दुनिया भर में मशहूर मुंबई के डब्बावालों की सेवाएं भी महंगी हो गई हैं। अब हर कोच के लिए मासिक शुल्क में 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ी हुई कीमत इसी महीने से लागू की गई है।
मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उल्हास मुके ने बताया कि मुंबई के डब्बावालों ने मासिक फीस में 200 रुपए प्रति बॉक्स की बढ़ोतरी की है। उन्होंने बताया कि कीमत बढ़ाने का फैसला दो मुख्य कारणों से लिया गया है, जिसका पहला करण बढ़ती महंगाई और दूसरा कारण यात्रा में बढ़ते जोखिम को बताया गया है। उनका कहना था कि डब्बावाले हमेशा अपनी समय की पाबंदी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इतने सालों तक ग्राहकों का भरोसा बनाए रखा है। हालांकि, मौजूदा आर्थिक स्थिति में सेवा शुल्क बढ़ाना भी जरूरी हो गया था।
दाम बढ़ने से क्या होगा प्रभाव ?
इस वृद्धि के कारण डब्बावालों को फायदा होगा। अब यदि कार्यालय उस स्थान से पांच किलोमीटर दूर है, जहां डब्बा लिया जा रहा है तो अब इसके लिए 1400 रुपए देना होगा, जो पहले 1200 रुपए था। हालांकि, यदि सेवा पांच किलोमीटर से आगे प्रदान की जानी है तो डब्बावालों की जरूरतों के आधार पर पहले की तरह 300 से 400 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। मुंबई में डब्बावालों की सेवा सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, यह मुंबई की संस्कृति का अभिन्न अंग है। दाम में की गई बढ़ोतरी से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़ा फर्क पड़ सकता है, लेकिन डब्बावालों के काम की निष्ठा को देखते हुए यह फैसला कई अन्य लोगों को जायज लग रहा है।