मुंबई में सड़कों पर 21 मई को थम जाएंगे ऑटो के पहिए... चालकों का धरना देने का एलान
Autos will stop running on Mumbai roads on 21st May... Drivers announce a sit-in protest
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ऑटो ड्राइवर्स ने सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से ऑटो ड्राइवर नाराज हैं। महाराष्ट्र ऑटो रिक्शा चालक मालिक संघ संयुक्त कार्रवाई समिति ने ई-बाइक टैक्सी सेवाओं को मंजूरी देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के विरोध में 21 मई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। राज्य भर में सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) के सामने प्रदर्शन होने वाले हैं।
मुंबई : मुंबई में सड़कों, फ्लाईओवर और अंडरपास का जाल बिछा हुआ है, लेकिन फिर भी ट्रैफिक जाम से लोगों का दम फूल जाता है। सबसे बड़ी वजह सड़क पर चलने वाली चार पहिया गाड़ी और ऑटो है। दरअसल, चार पहिया गाड़ी और ऑटो सड़क पर बाइक की तुलना में काफी ज्यादा जगह घेरती है। मुंबई वासियों को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने ओला, उबर, रैपिडो जैसी राइड-हेलिंग सेवाओं को बढ़ावा देने का फैसला किया है। सरकार ने ई-बाइक टैक्सियों को मंजूरी दी है।
ऑटो ड्राइवर्स ने सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से ऑटो ड्राइवर नाराज हैं। महाराष्ट्र ऑटो रिक्शा चालक मालिक संघ संयुक्त कार्रवाई समिति ने ई-बाइक टैक्सी सेवाओं को मंजूरी देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के विरोध में 21 मई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। राज्य भर में सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) के सामने प्रदर्शन होने वाले हैं।
राज्य सरकार का क्या कहना है?
दरअसल, राज्य सरकार का कहना है कि ई-बाइक टैक्सी सेवाओं की वजह से एक तो मुंबई वासियों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर शहर में बढ़ते प्रदूषण पर भी लगाम लगेगा। संयुक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की आड़ में ई-बाइक टैक्सियों को मंजूरी दी है। हालांकि, समिति का तर्क है कि इस फैसले से महाराष्ट्र भर में लगभग 1.5 लाख ऑटो रिक्शा चालकों की आजीविका पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।