मुंबई: अंतिम चरण में मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे का मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट
Mumbai: Mumbai Pune Expressway's missing link project in final stage

देश में सबसे पहले बीओटी के आधार पर बने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर यात्रा करने वालों को जल्द ही और राहत राहत मिलने वाली है। मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे की दूरी को कम करने के साथ यात्रा के समय को घटाने के उद्देश्य से बहुउद्देश्यीय से बन रहे मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट का काम अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है।
मुंबई: देश में सबसे पहले बीओटी के आधार पर बने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर यात्रा करने वालों को जल्द ही और राहत राहत मिलने वाली है। मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे की दूरी को कम करने के साथ यात्रा के समय को घटाने के उद्देश्य से बहुउद्देश्यीय से बन रहे मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट का काम अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट की समीक्षा को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि परियोजना का लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। अंतिम चरण में सबसे ऊंचे केबल स्टे ब्रिज का काम चल रहा है।
13.3 किमी लंबा नया मार्ग
उल्लेखनीय है कि मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने 13.3 किमी लंबे नए रूट की योजना बनाई। इसके तहत दो टनल और दो केबल ब्रिज बन रहे हैं। 13.33 किमी में से 11 किमी लंबी टनल और करीब 2 किमी का केबल स्टे ब्रिज होगा। एमएसआरडीसी के एमडी अनिल गायकवाड़ के अनुआर पैकेज एक और दो का लगभग 95 प्रतिशत काम हो गया है। टनल का काम भी लगभग पूरा हो गया है।
6 किमी घटेगी दूरी
अत्यंत दुर्गम पहाड़ों के बीच देश का सबसे ऊंचा केबल स्टे ब्रिज ॲफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बना रही है। यह मिसिंग लिंक परियोजना पूरी होने पर मुंबई से पुणे जाने वालों का 20 से 25 मिनट का समय बचेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद राज्य के दो प्रमुख शहरों की दूरी करीब 6 से 7 किमी कम हो जाएगी। यह केबल ब्रिज जमीन से करीब 183 मीटर ऊंचा है। एक्सप्रेस वे पर मौजूदा समय में खोपोली एक्जिट से सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट के बीच की दूरी 19 किमी है। मिसिंग लिंक के बन जाने से यह दूरी घट कर 13 किमी रह जाएगी।