चंद्रपुर: सीटीपीएस में उपयोग किया जाने वाला कोयला घटिया किस्म का; 10 किलोमीटर तक प्रदूषण फैल रहा है
Chandrapur: Coal used in CTPS is of inferior quality; spreading pollution up to 10 km
चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा थर्मल पावर स्टेशन है। इस पावर स्टेशन के रोपवे प्लांट में भारी मात्रा में कोयला संग्रहित किया जाता है, जिसे रोपवे के माध्यम से सीटीपीएस तक भेजा जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया से क्षेत्र में बहुत अधिक धूल और प्रदूषण फैल रहा है। इसके कारण ऊर्जानगर और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
चंद्रपुर: चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा थर्मल पावर स्टेशन है। इस पावर स्टेशन के रोपवे प्लांट में भारी मात्रा में कोयला संग्रहित किया जाता है, जिसे रोपवे के माध्यम से सीटीपीएस तक भेजा जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया से क्षेत्र में बहुत अधिक धूल और प्रदूषण फैल रहा है। इसके कारण ऊर्जानगर और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विधायक सुधाकर अडबाले ने विधान परिषद में तारांकित प्रश्न के माध्यम से आरोप लगाया कि प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद ठोस उपाय न किए जाने से प्रदूषण का मुद्दा गंभीर हो गया है।
विधान परिषद सदन में बोलते हुए विधायक सुधाकर अडबाले ने कहा कि सीटीपीएस में उपयोग किया जाने वाला कोयला घटिया किस्म का है, जिसके कारण इकाइयों से बड़ी मात्रा में राख और धूल हवा में फैलती है। इसके कारण 10 किलोमीटर तक प्रदूषण फैल रहा है और नागरिकों के घरों में भी राख जमा हो रही है। इसका सीधा असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, कई लोग सांस और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
सीटीपीएस ने इराई नदी में केमिकल मिला पानी छोड़ा
कुछ दिनों पहले सीटीपीएस ने इराई नदी में केमिकल मिला पानी छोड़ा था, जिससे जल प्रदूषण हुआ। इसके परिणामस्वरूप चंद्रपुर शहर की जलापूर्ति बाधित हुई और हजारों नागरिकों को स्वच्छ पानी मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बार-बार हो रहे प्रदूषण को प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है, जिसके कारण नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
क्या सीटीपीएस के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी जो घटिया कोयले का उपयोग कर अनियमितताएं कर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जो इसका समर्थन कर रहे हैं? यह सवाल विधायक सुधाकर अडबाले ने उठाया था।
प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में बनाई जाएगी समिति
इस पर जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा, हमें शिकायत मिली है और इसकी जांच के बाद प्रदूषण रोकने के लिए सुधार करने के आदेश दिए गए हैं। यूनिट नंबर 8 की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं और इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर की जांच की जाएगी। इसके अलावा यूनिट नंबर 9 बंद है। प्रशासन को संबंधित मरम्मत करने के बाद यूनिट शुरू करने के लिए कहा गया है।
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