महाराष्ट्र में अर्बन नक्सल से निपटने के लिए नया क़ानून...
New law to deal with urban Naxals in Maharashtra...
नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सी-60 कमांडो और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलियों का सफाया करने में जुटी हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन शहरों में बैठे नक्सली समर्थक इसमें बड़ी बाधा बन रहे हैं. आईजी संदीप पाटिल ने कहा कि हमने देखा है कि ये लोग नक्सलियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, आर्म्स एंड एनिमेशन देने, उनके कैडर का इलाज करवाने जैसे काम करते हैं. उनसे बरामद दस्तावेजों से भी पता चलता है कि यह नक्सलियों के लिए सेफ हाउस हैं.
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार भी तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अब विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम 2024 लाने की तैयारी में जुटी है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जंगल में गुरिल्ला युद्ध करने वाले सशस्त्र नक्सलियों से तो सुरक्षाबल निपटने में कामयाब हो रही है, लेकिन प्रभावी कानून के अभाव में नक्सलियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले अर्बन नक्सलियों से निपटने में मुश्किल आ रही है.
नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सी-60 कमांडो और अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलियों का सफाया करने में जुटी हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन शहरों में बैठे नक्सली समर्थक इसमें बड़ी बाधा बन रहे हैं.
आईजी संदीप पाटिल ने कहा कि हमने देखा है कि ये लोग नक्सलियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, आर्म्स एंड एनिमेशन देने, उनके कैडर का इलाज करवाने जैसे काम करते हैं. उनसे बरामद दस्तावेजों से भी पता चलता है कि यह नक्सलियों के लिए सेफ हाउस हैं.
यह माओवादियों का प्रोपेगेंडा करते हैं और समाज में असंतोष पैदा करते हैं. ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून नहीं है. केंद्र सरकार का भी निर्देश है कि ऐसा कानून बनाया जाए, जिसके जरिए समाज में असंतोष पैदा करने वाले संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.

