खरीदारों से पैसे लेकर घर न बनाने वाले बिल्डरों की खैर नहीं - महारेरा

Builders who do not build houses after taking money from buyers are in trouble - Maharera

खरीदारों से पैसे लेकर घर न बनाने वाले बिल्डरों की खैर नहीं - महारेरा

महारेरा के नियमों के मुताबिक, बिल्डर को रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर लेने के बाद हर तीन महीने में प्रॉजेक्ट का अपडेट करना होता है। हजारों बिल्डर लंबे समय से ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसीलिए, रेरा ने इन बिल्डरों को नोटिस भेजे हैं। इसके बाद से 2023 में रजिस्टर्ड हुए प्रॉजेक्ट्स में से अधिकांश की तिमाही रिपोर्ट फाइल हुई है।

मुंबई: महालक्ष्मी में एक बिल्डर ने 37 मंजिला बिल्डिंग बनाने के लिए ग्राहकों से पैसे लिए। महाराष्ट्र रियल इस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) की वेबसाइट पर 2023 तक काम पूरा होने का वादा किया, लेकिन असल में केवल 2 स्लैब ही बने और 50 प्रतिशत पैसा खर्च कर दिया गया।

सूत्र के मुताबिक, इस तरीके से दावे की तुलना में बहुत कम काम करने वाले बिल्डरों से महारेरा ने जवाब मांगा है। इनमें से छह प्रॉजेक्ट को रडार पर रखा गया है। अगले कुछ सप्ताह में उनके संतोषजनक जवाब न देने की स्थिति में कार्रवाई शुरू की जाएगी। कुछ समय पहले एक बिल्डर का मामला मुंबई पुलिस की इकॉनमी ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) को भी जांच के लिए सूचित किया गया।

महारेरा ने 330 ऐसे प्रॉजेक्ट्स की तलाश की थी, जिनमें ग्राहकों से पैसे लेने के बाद भी अपेक्षित काम नहीं हो पाया। एक अधिकारी ने बताया कि ये ऐसे प्रॉजेक्ट हैं, जिनमें बिल्डर ने काफी पैसे ले लिए हैं और काम उतना नहीं किया है। इन प्रॉजेक्ट्स की डिलिवरी डेट भी पास है। हम उनसे जानना चाह रहे हैं कि आखिर काम नहीं किया, तो पैसा खर्च कहां किया? यदि उनके जवाब संतोषजनक नहीं मिले, तो आगे की कार्रवाई शुरू करेंगे। हमारा उद्देश्य केवल ग्राहकों के पैसे को सुरक्षित रखना है।

महारेरा के नियमों के मुताबिक, बिल्डर को रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर लेने के बाद हर तीन महीने में प्रॉजेक्ट का अपडेट करना होता है। हजारों बिल्डर लंबे समय से ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसीलिए, रेरा ने इन बिल्डरों को नोटिस भेजे हैं। इसके बाद से 2023 में रजिस्टर्ड हुए प्रॉजेक्ट्स में से अधिकांश की तिमाही रिपोर्ट फाइल हुई है।

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ग्राहकों से धोखा!
1. दिसंबर 2023 तक पजेशन के वादे वाले पनवेल के एक प्रॉजेक्ट का बिल्डर ने 95 फीसदी खर्च कर लिया, जबकि काम केवल 56 फीसदी ही किया है।
2. 195 करोड़ रुपये के ठाणे के एक प्रॉजेक्ट में बिल्डर को 32 मंजिला दो बिल्डिंग बनानी हैं। प्रॉजेक्ट अकाउंट से 80 फीसदी खर्च हो गए हैं, लेकिन काम 38 फीसदी ही हुआ है।

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