मनसे ने दुकानों और होटलों के मराठी साइनबोर्ड को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी !
MNS warns of fierce protests against Marathi signboards in shops and hotels!
मनसे आक्रामक हो गई है और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने तीन दिनों के भीतर मराठी बोर्ड नहीं लगाए जाने पर 'विरोध' की चेतावनी दी है. मनसे की ओर से भी ऐसे कंटेंट वाले बैनर लगाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम मोटे अक्षरों में मराठी में लिखना शुरू कर दिया.
महाराष्ट्र : मनसे ने दुकानों और होटलों के साइनबोर्ड मराठी (देवनागरी लिपि) में लगाने की उच्चतम न्यायालय की 'समय सीमा' का पालन नहीं किए जाने पर आक्रामक विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. मनसे ने इस संबंध में बुधवार को मुंबई में बैनर लगाकर इस मुद्दे पर अपनी मंशा जाहिर की.
मनसे ने उपनगरीय चेंबूर में कुछ होर्डिंग लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने दुकानों और होटलों के नाम मराठी भाषा (देवनागरी लिपि) में लगाने के लिए 25 नवंबर तक की समय सीमा दी है. मनसे के पोस्टरों में लिखा है कि समय सीमा के बाद तोड़फोड़ सहित आक्रामक विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पहले दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों के साइनबोर्ड क्षेत्रीय भाषा में रखने पर जोर दिया था. मुंबई में मराठी बोर्डों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दो महीने बीत चुके हैं. कोर्ट ने व्यापार संघों को 25 नवंबर तक दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट द्वारा दी गई समय सीमा तीन दिन में खत्म हो जाएगी.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आक्रामक हो गई है और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने तीन दिनों के भीतर मराठी बोर्ड नहीं लगाए जाने पर 'विरोध' की चेतावनी दी है. मनसे की ओर से भी ऐसे कंटेंट वाले बैनर लगाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम मोटे अक्षरों में मराठी में लिखना शुरू कर दिया.
हालांकि, कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान का साइन नहीं बदला है. एमएनएस ने अब बैनर लगाकर ऐसे व्यापारियों को अल्टीमेटम दिया है. बता दें, कुछ दिन पहले भी मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने इसे लेकर चेतावनी दी थी.

