शरद पवार और संजय राउत को जान से मारने की धमकी, अमरावती से बीजेपी कार्यकर्ता अरेस्ट
BJP worker arrested for threatening to kill Sharad Pawar and Sanjay Raut....
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को जान से मारने की धमकी मिली है। मामले में एनसीपी नेताओं ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायतें दर्ज कराईं। पुलिस ने शाम तक संजय राउत को धमकाने के आरोप में गोवंडी से दो लोगों को हिरासत में ले लिया। वहीं, शरद पवार को धमकाने वाला शख्स अमरावती का सचिन पिंपलकर नाम का बीजेपी कार्यकर्ता बताया जा रहा है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र की राजनीति उस समय उबल पड़ी, जब विपक्ष के दो नेताओं एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को जान से मारने की धमकियां मिली। इसके बाद समूचा विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर हो गया। सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में एनसीपी नेताओं ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से मिल कर धमकी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। एनसीपी ने आरोप लगाया है कि धार्मिक ध्रुवीकरण के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ऐक्शन में आया। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को तलब कर जानकारी ली। पुलिस ने शाम तक संजय राउत को धमकाने के आरोप में गोवंडी से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, शरद पवार को धमकाने वाला शख्स अमरावती का सचिन पिंपलकर नाम का बीजेपी कार्यकर्ता बताया जा रहा है।
शुक्रवार को शरद पवार को फेसबुक के जरिए धमकी दी गई। धमकाने वाले ने लिखा, ‘उनका भी दाभोलकर जैसा हश्र होगा।’ बता दें कि अंधश्रद्धा विरोधी नरेंद्र दाभोलकर को 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मार दी थी। वहीं, संजय राउत के भाई और विधायक सुनील राउत के फोन पर धमकी दी गई कि अगर संजय राउत ने सरकार के खिलाफ बोलना बंद नहीं किया, तो दोनों को गोली मार दी जाएगी।
एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को आजाद मैदान में बीजेपी विधायक नीलेश राणे के उस ट्वीट को लेकर प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी, जिसमें उन्होंने शरद पवार को मुगल बादशाह औरंगजेब का ‘पुनर्जन्म’ बताया था। बुधवार को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में पूर्व सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बड़े बेटे नीलेश राणे ने कहा था, ‘पवार साहब चुनाव नजदीक आने पर मुस्लिम समुदाय के लिए चिंतित हो जाते हैं। कभी-कभी शरद पवार में औरंगजेब का पुनर्जन्म दिखाई देता है।’
एनसीपी प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे हमारे कार्यकर्ताओं को पुलिस गिरफ्तार कर येलो गेट पुलिस स्टेशन ले गई। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि राज्य सरकार नीलेश राणे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि उसमें कोई नैतिकता नहीं बची है।’
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