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ठाणे में यात्रियों की स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है TMT... बिना फायर सेफ्टी के चल रही है बसें!
TMT is playing with the health of passengers in Thane... Buses are running without fire safety!
टीएमटी बसों में यात्रियों को अपनी जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है। दरअसल, टीएमटी के बसों में फायर सेफ्टी की सुविधा नहीं है। इस मामले का पर्दाफाश ठाणे महानगरपालिका परिवहन समिति के सदस्य मोहसिन शेख ने किया है।
ठाणे : महानगरपालिका द्वारा संचालित टीएमटी बसों में यात्रियों को अपनी जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है। दरअसल, टीएमटी के बसों में फायर सेफ्टी की सुविधा नहीं है। इस मामले का पर्दाफाश ठाणे महानगरपालिका परिवहन समिति के सदस्य मोहसिन शेख ने किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में ही फायर सेफ्टी के मुद्दे को उठाया था। लेकिन परिवहन प्रशासन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
आपको बता दें कि गत दिवस लोकमान्यनगर वृंदावन मार्ग पर चलने वाली बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। इस मामले में शेख ने संबद्ध प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग ठाणे महानगरपालिका प्रशासन से की है। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए मोहसिन शेख ने बताया कि उन्होंने 12 दिसंबर 2021 को परिवहन व्यवस्थापक को एक पत्र देकर टीएमटी बसों में फायर सेफ्टी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी। ताकि आग लगने की दुर्घटनाओं से बसों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समय जीसीसी आधार पर चलने वाली बसों में भी फायर सेफ्टी की सुविधा नहीं है।
महानगरपालिका क्षेत्र में ठेके पद्धति अर्थात जीसीसी के आधार पर ठेकेदार बसों का संचालन कर रहे हैं। इन बसों के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी संबद्ध ठेकेदार का है। लेकिन उन्होंने बसों में फायर सेफ्टी जैसे संवेदनशील मामले की उपेक्षा की है। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने मांग की है कि ठेकेदार के खिलाफ भी उचित प्रशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए।
मोहसिन शेख ने मांग की है कि ठेके पद्धति अर्थात जीसीसी आधार पर चलने वाली बसों में फायर सेफ्टी नहीं होने के कारण ठेकेदार से किए गए करार के अनुसार दंड की वसूली की जाए। इसके साथ ही टीएमटी के स्वामित्व वाली बसों में भी फायर सेफ्टी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। शेख ने बताया कि जीसीसी आधार पर चलने वाली बसों और टीएमटी के स्वामित्व वाली बसों में आरटीओ के नियमानुसार फायर सेफ्टी सिस्टम का होना आवश्यक है।
लेकिन उसका अनुपालन परिवहन प्रशासन के साथ ही जीसीसी के ठेकेदार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी लापरवाही के कारण ठाणे शहर में बस के अंदर आग लगने के कारण कभी भी लोगों की मौत होने की संभावना भी पैदा हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले को लेकर जल्द से जल्द महानगरपालिका प्रशासन ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो एनसीपी के बैनर तले विरोध आंदोलन भी किया जाएगा। हलांकि इस संदर्भ में ठाणे परिवहन सेवा के अधिकारी ने कुछ ही कहने से इंकार कर दिया है।
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