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भिवंडी के वर्तमान और पूर्व अधिकारी जमीन मुआवजा मामले में निलंबित...
Present and former officers of Bhiwandi suspended in land compensation case.
राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भिवंडी के वर्तमान उप विभागीय अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे और पूर्व उप विभागीय अधिकारी डाॅ.मोहन नलदकर को जमीन मुआवजा भ्रष्टाचार प्रकरण में निलंबित करने की घोषणा की है। गौरतलब को भिवंडी उप विभागीय अधिकारी क्षेत्र अंतर्गत मुंबई-वडोदरा हाइवे, बुलेट ट्रेन, समृद्धि हाइवे समेत कई प्रोजेक्ट कार्यान्वित है। परियोजनाओं में किसानों की भूमि शासन ने अधिकरण किया है।
भिवंडी : राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भिवंडी के वर्तमान उप विभागीय अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे और पूर्व उप विभागीय अधिकारी डाॅ.मोहन नलदकर को जमीन मुआवजा भ्रष्टाचार प्रकरण में निलंबित करने की घोषणा की है। गौरतलब को भिवंडी उप विभागीय अधिकारी क्षेत्र अंतर्गत मुंबई-वडोदरा हाइवे, बुलेट ट्रेन, समृद्धि हाइवे समेत कई प्रोजेक्ट कार्यान्वित है। परियोजनाओं में किसानों की भूमि शासन ने अधिकरण किया है।
भूमि के बदले में शासन द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के मुआवजे की रकम में भिवंडी मजिस्ट्रेट कार्यालय में भष्ट्राचार के कई मामले उजागर हुए है। भ्रष्टाचार के मामलों में साढ़े ग्यारह करोड़ रुपए का मुआवजा फर्जी किसान को देने, मृतक आदिवासी महिला के स्थान पर फर्जी महिला दिखाकर 58 लाख रुपए का भ्रष्टाचार जैसे मामले का समावेश है।
स्थानीय पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज की है। अंजूर गांव की आदिवासी महिला किसान उदंन्या दोडे की जमीन बुलेट ट्रेन परियोजना में जाने पर वर्तमान भिवंडी उप विभागीय अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे महिला को मुआवजा देने से आनाकानी कर रहे थे। इसी दरमियान आदिवासी महिला की मृत्यु हो गई। जिसके कारण विधान परिषद में प्रवीण दरेकर ने उप विभागीय अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे के विरुद्ध मनुष्य बध का मामला दर्ज करने की मांग किया।
भ्रष्टाचार मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने तत्कालीन उप विभागीय अधिकारी डाॅ. मोहन नलंदकर और विद्यमान उप विभागीय अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विधानसभा पटल में निलंबन करने की घोषणा की है। निलंबन कार्रवाई से राजस्व विभाग में खलबली मची हुई है।
भिवंडी प्रांत कार्यालय में चल रहे भारी भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से उठाकर शासन के समक्ष रखा था। नवभारत की खबर के बाद प्रांत कार्यालय भ्रष्टाचार मामले को लेकर लीपापोती करने में जुट गया था। अंततः राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील द्वारा भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लेने के उपरांत नागपुर में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान वर्तमान प्रांत अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे और पूर्व प्रांत अधिकारी मोहन नलदकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का निर्देश जारी किया गया है।
प्रांत कार्यालय सूत्रों की माने तो प्रांत कार्यालय में हुए मुआवजा भ्रष्टाचार की जांच में बुलेट ट्रेन प्रकल्प से जुड़े सर्वेयर, विधि अधिकारी, एडिटर सहित कई रसूखदार लोगों पर भी गाज गिरने की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि बुलेट ट्रेन के मुआवजे में शासन-प्रशासन और कई जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। उच्चस्तरीय जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।
बीजेपी विधायक महेश चौगुले ने अगस्त महीने में नंदी ठाणे गांव के किसान नारायण भोईर को जमीन का 11 करोड़ 66 लाख 64 हजार रुपए का आर्थिक मुआवजा फर्जी कागजातों के आधार पर निकालने की शिकायत सहित भ्रष्टाचार में प्रांत अधिकारी की संलिप्तता का मामला राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील के समक्ष उठाया था। प्रांत कार्यालय में मुआवजा संबंधित अन्य कई भ्रष्टाचार के मामले भी अखबार की सुर्खियां बने थे।
भिवंडी बीजेपी विधायक महेश चौगुले ने प्रांत कार्यालय में चल रहे भारी भ्रष्टाचार की शिकायत राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील से कर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। बीजेपी विधायक महेश चौगुले की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।
जांच रिपोर्ट के बाद ही भिवंडी प्रांत अधिकारी रहे मोहन नलदकर और प्रांत अधिकारी बालासाहेब वाकचौरे का अंततः निलंबन हुआ है। भिवंडी के इतिहास में भ्रष्टाचार उजागर होने पर डिप्टी कलेक्टर जैसे आला अधिकारियों के निलंबन की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
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