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राज्य में महावितरण को जुर्माने का करंट...बिजली बिल पर प्रतिवर्ष १६ प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश
Instruction to pay 16 percent interest per annum on current electricity bill to Mahavitaran in the state
बिजली बिल नहीं भरने पर उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूलनेवाली महावितरण कंपनी को महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने जुर्माने का करंट दिया है। दरअसल महावितरण, राज्य में बिजली सप्लाई के लिए पवन ऊर्जा नामक कंपनी से बिजली खरीदती है मगर पिछले तीन वर्षों से बिल का भुगतान नहीं किया है।
मुंबई : बिजली बिल नहीं भरने पर उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूलनेवाली महावितरण कंपनी को महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने जुर्माने का करंट दिया है। दरअसल महावितरण, राज्य में बिजली सप्लाई के लिए पवन ऊर्जा नामक कंपनी से बिजली खरीदती है मगर पिछले तीन वर्षों से बिल का भुगतान नहीं किया है। इस मामले में आयोग ने फटकार लगाते हुए डेढ़ महीने में बकाया बिल का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
अगर भुगतान नहीं किया गया तो प्रतिवर्ष १६ प्रतिशत ब्याज के साथ तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया है। महावितरण ने अपनी ऊर्जा आपूर्ति का लक्ष्य पूरा करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा परियोजना से बिजली खरीदने के लिए संबंधित कंपनी के साथ बिजली खरीदी करार किया है।
इस करार के तहत संबंधित कंपनी द्वारा बिजली आपूर्ति का बिल अगले ४५ दिनों में महावितरण द्वारा भुगतान करने का प्रावधान है। लेकिन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया इस पवन ऊर्जा निर्माण करनेवाली कंपनी ने मार्च २०१७ से मार्च २०२० के दरम्यान महावितरण को जो बिजली आपूर्ति की है, उसका बिल एक करोड़ ६० लाख रुपए है।
महावितरण द्वारा यह भुगतान संबंधित को नहीं किया गया इसलिए कंपनी ने बिजली आयोग में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि महावितरण एवं सामान्य उपभोक्ता दोनों ही विद्युत उपभोक्ता हैं। इसलिए महावितरण देरी से बिजली बिल जमा करनेवालों पर जुर्माना लगाता है, वैसे ही उसे भी देरी से बिजली बिल की राशि पर ब्याज देना होगा।
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