Mahavitaran
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सरकारी संस्थानों का साढ़े आठ करोड़ बिजली बिल बकाया... महावितरण को वित्तीय झटका !

सरकारी संस्थानों का साढ़े आठ करोड़ बिजली बिल बकाया... महावितरण को वित्तीय झटका ! वसई विरार शहर के सरकारी अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, स्कूलों, सार्वजनिक सेवाओं पर लगभग साढ़े आठ करोड़ रुपये का बिजली भुगतान बकाया है। इसका आर्थिक असर महावितरण पर पड़ना शुरू हो गया है. वसई विरार में बिजली की आपूर्ति वसई मंडल के अंतर्गत की जाती है।
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कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है महावितरण...

कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है महावितरण... महावितरण पर तकरीबन ६० हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। अन्य बिजली कंपनियों से खरीदी गई बिजली का भुगतान भी बकाया है। इधर, उपभोक्ताओं पर कंपनी का तकरीबन ४७.४३ करोड़ रुपए बकाया है। महावितरण राज्य में २ करोड़ ८० लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करती है। हाल ही में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने महावितरण के ३९५६७ करोड़ रुपए की दर वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत वर्ष २०२३-२४ में २.९ प्रतिशत जबकि वर्ष २०२४-२५ में ५.६ फीसदी दर वृद्धि होगी। इसे लेकर विविध संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। 
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महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज, ग्राहकों ने किया आवाज बुलंद 

महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज, ग्राहकों ने किया आवाज बुलंद  बिजली दर वृद्धि को लेकर सरकारी नीतियों से खफा उपभोक्ताओं ने अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत वे बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। विशेषकर बिजली प्रदाता कंपनी महावितरण के खिलाफ ग्राहकों ने आवाज बुलंद किया है। महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। इधर राज्य के कृषि पंप धारक किसानों ने बिजली बिल में त्रुटियों का हवाला देते हुए बिल का भुगतान नहीं करने का फैसला लिया है।
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महंगी होनेवाली महाराष्ट्र में बिजली... महावितरण ने भेजा प्रस्ताव

महंगी होनेवाली महाराष्ट्र में बिजली... महावितरण ने भेजा प्रस्ताव राज्य की ‘मिंधे’ सरकार आम आदमी की कितनी हितैषी है, यह इसी से समझा जा सकता है कि अब वह आम आदमी को ‘करंट’ का करंट देने जा रही है। असल में राज्य में बिजली की दर महंगी होनेवाली है। इससे आम आदमी को झटका लगना तय है। मिली जानकारी के अनुसार ‘महावितरण’ कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालने का फैसला किया है।
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