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मीरा भायंदर शहर में रास्तों की दुर्दशा...

मीरा भायंदर शहर में रास्तों की दुर्दशा... मीरा भायंदर शहर में रास्तों की दुर्दशा और उसमें बने गड्डों की वजह से होने वाली दुर्घटना एवं मानसून में अधूरे पड़े सड़कों की वजह से आम जनता को होने वाली असुविधा पर मनपा आयुक्त तत्काल ध्यान दे और उचित कार्रवाई करें ऐसी मांग भाजपा नेता मीरा भायंदर (145) विधानसभा चुनाव प्रभारी एड. रवि व्यास ने की है। आयुक्त राधाविनोद शर्मा को लिखे पत्र में रवि व्यास ने बताया की मीरा भायंदर शहर के अनेक रास्तों की अवस्था एकदम खराब हो चुकी है, सड़कों पर बने बड़े बड़े गड्डों की वजह से आम नागरिक, विद्यार्थी, अपने रोजगार पर जाने वाले लोगों, एम्बुलेंस सेवा और आवाजाही वाली गाड़ियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है और ये गड्ढे दुर्घटना का कारण भी बन रहे है जिससे लोगों के जानमाल का भी नुकसान हो रहा है।
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Maharashtra 

मुंबई: शिवसेना यूबीटी की स्थिति ‘खतरनाक’ और ‘जर्जर’ इमारतों जैसी  -  मंत्री आशीष शेलार

मुंबई: शिवसेना यूबीटी की स्थिति ‘खतरनाक’ और ‘जर्जर’ इमारतों जैसी  -  मंत्री आशीष शेलार महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां राज्य में अपनी साख बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। इस दौरान शिवसेना यूबीटी चुनाव के लिए मनसे से हाथ मिलाने की कोशिश कर रही है। लेकिन अभी तक दोनों पार्टी प्रमुखों ने इस बात पर सहमति नहीं जताई है। शिवसेना यूबीटी की वर्तमान स्थिति पर मंत्री आशीष शेलार ने तंज कसा है।
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Mumbai 

वसई-विरार में 791 इमारतें खतरनाक घोषित... 89 इमारतें अति जर्जर अवस्था में हैं, मनपा ने जारी किया नोटिस 

वसई-विरार में 791 इमारतें खतरनाक घोषित... 89 इमारतें अति जर्जर अवस्था में हैं, मनपा ने जारी किया नोटिस  एक अधिकारी ने बताया कि मनपा ने जर्जर इमारतों को तीन हिस्से में बांटा है, अति जर्जर इमारतों को (सी-1) जर्जर इमारतों को (सी-2) और कम जर्जर इमारतों को (सी-3) की श्रेणी दी है। इनमें अति जर्जर इमारतों को मॉनसून से पहले खाली कराकर उन्हें तोड़ा जाना चाहिए। जर्जर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर खाली कराके उनकी मरम्मत के बाद उनमें रहा जा सकता है।
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Mumbai 

पालघर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था के बुरे हाल… एंबुलेंस में ही करानी पड़ी डिलीवरी

पालघर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था के बुरे हाल… एंबुलेंस में ही करानी पड़ी डिलीवरी महाराष्ट्र के पालघर जिले में वाडा ग्रामीण अस्पताल के डॉक्टर अधीक्षक डॉ. यादव शेखरे ने कहा कि अस्पताल में प्रसव संबंधी इस प्रकार के नाजुक मामलों के प्रबंधन के लिए विशेष सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि महिला को बेहतर देखभाल के लिए ठाणे के अस्पताल में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को ‘‘सड़कों की खराब स्थिति” ने और जटिल बना दिया।
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