मुंबई : यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने मुंबई और चेन्नई में दो नए कैंपस खोलने का किया ऐलान
Mumbai: University of Western Australia announces the opening of two new campuses in Mumbai and Chennai.
भारत के हायर एजुकेशन सेक्टर में एक बड़ा कदम उठाते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने मुंबई और चेन्नई में दो नए कैंपस खोलने का ऐलान किया है. यह कदम भारत सरकार की तरफ से विदेशी यूनिवर्सिटीज को स्वतंत्र रूप से देश में कैंपस खोलने की इजाजत दिए जाने के बाद सामने आया है. UWA ऑस्ट्रेलिया के 'ग्रुप ऑफ ऐट' संस्थानों में से एक है. हाल ही में यूनिवर्सिटी को यूजीसी की ओर से लेटर ऑफ इंटेंट प्राप्त हुआ है और यह अगस्त 2026 से छात्रों को एडमिशन देने की तैयारी कर रही है.
मुंबई : भारत के हायर एजुकेशन सेक्टर में एक बड़ा कदम उठाते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने मुंबई और चेन्नई में दो नए कैंपस खोलने का ऐलान किया है. यह कदम भारत सरकार की तरफ से विदेशी यूनिवर्सिटीज को स्वतंत्र रूप से देश में कैंपस खोलने की इजाजत दिए जाने के बाद सामने आया है. UWA ऑस्ट्रेलिया के 'ग्रुप ऑफ ऐट' संस्थानों में से एक है. हाल ही में यूनिवर्सिटी को यूजीसी की ओर से लेटर ऑफ इंटेंट प्राप्त हुआ है और यह अगस्त 2026 से छात्रों को एडमिशन देने की तैयारी कर रही है.
एजुकेशन हब होगा भारत
UWA के डिप्टी वाइस चांसलर (एजुकेशन एंड स्टूडेंट एक्सपीरियंस) प्रोफेसर गाय लिटिलफेयर ने बताया कि भारत में निवेश करने का यह फैसला यूनिवर्सिटी की लॉन्ग-टर्म रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “भारत की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या इसे इंटरनेशनल एजुकेशन के लिए अहम क्षेत्रों में से एक बनाती है. यहां विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए अपार संभावनाएं हैं.”
मुंबई और चेन्नई को ही क्यों चुना?
प्रोफेसर लिटिलफेयर के अनुसार, मुंबई भारत की वित्तीय राजधानी होने के साथ-साथ इंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम का केंद्र भी है, जबकि चेन्नई में इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और टेक्नो-साइंसेज़ के लिए छात्रों की भारी मांग है. उन्होंने कहा, “इन दोनों शहरों को चुनना काफी आसान था." UWA ने कहा कि भारत में शुरू होने वाले दोनों कैंपस में शिक्षा का स्तर ऑस्ट्रेलिया में चल रहे कैंपस के समान ही होगा. लिटिलफेयर ने कहा, “चाहे हम ऑस्ट्रेलिया में पढ़ा रहे हों या भारत में, क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होगा.” डिप्टी वाइस चांसलर के अनुसार, नए कैंपस में न केवल कक्षा में पढ़ाई होगी, बल्कि फील्ड वर्क, रिसर्च-बेस्ड इंटर्नशिप और कम्युनिटी से जुड़ाव जैसे एक्सपीरियंस भी छात्रों को प्रदान किए जाएंगे.
स्वतंत्र कैंपस या पार्टनरशिप पर निर्णय जल्द
UWA फिलहाल इस बात पर विचार कर रही है कि भारत में कैंपस स्वतंत्र रूप से खोले जाएंगे या किसी भारतीय पार्टनर के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए. लिटिलफेयर ने बताया, “हम दोनों ऑप्शंस के फायदे और नुकसान पर विचार कर रहे हैं."
भारत का हायर एजुकेशन मार्केट लगभग 100 अरब डॉलर का है और यह तेजी से विदेशी इंस्टीट्यूशंस के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है. प्रोफेसर लिटिलफेयर ने कहा कि भारत में निवेश न केवल एजुकेशनल दृष्टि से, बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है. कुल मिलाकर, UWA की यह पहल बताती है कि भारत की एजुकेशन पॉलिसी में किए गए सुधार अब जमीनी स्तर पर असर दिखा रहे हैं. जैसे-जैसे विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस तैयार कर रही हैं, वैसे-वैसे भारत का दुनियाभर में शिक्षा केंद्र बनने का सपना साकार होता जा रहा है.

