वसई विरार के सड़कों को गड्डों से मुक्त करने का कार्य अधर में...
The work of making the roads of Vasai Virar pothole-free is in limbo...
सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों की आलोचना हो रही है और कई विधायक, मंत्री और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने महापालिका को जल्द से जल्द गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, नागरिक मानते हैं कि जब तक स्थायी वित्तीय समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक गड्डों से मुक्त सड़कों का सपना सिर्फ वादों तक ही सीमित रहेगा। प्रशासन का कहना है कि परियोजना के लिए राज्य सरकार से मंजूरी का इंतजार है।
विरार : वसई विरार के निवासियों को लंबे समय से गड्डों से मुक्त सड़कों का वादा किया गया है, लेकिन मानसून के साथ ही यह सपना एक बार फिर टूटता नजर आ रहा है। शहर की सड़कें गहरे गड्डों से भर गई हैं, जिससे नागरिकों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। इस समस्या से सबसे ज्यादा बाइक और रिक्शा चालक प्रभावित हैं। कई साल पहले, वसई विरार महानगरपालिका ने शहर की सड़कों को गड्डा-मुक्त करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी। इसका मुख्य उद्देश्य मानसून के दौरान जलभराव और गड्डों की समस्या को खत्म करना था।
इस योजना के तहत, 18,739 मीटर लंबी और 508 मीटर चौड़ी 51 सड़कों को कंक्रीट से बनाने का प्रस्ताव था, जिसके लिए 208. करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिलने के बावजूद, इस परियोजना पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। महापालिका के निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना का काम अभी चल रहा है और जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, नागरिकों के अनुसार, ये सिर्फ खाली वादे हैं और जमीन पर कोई काम होता नहीं दिख रहा है।
समस्या की गंभीरता को देखते हुए, नगर निगम ने 2025-26 के बजट में कंक्रीटिंग के काम के लिए अलग से 150 करोड़ का प्रावधान किया है। यह कदम गड्डों की संख्या को कम करने और मरम्मत की लागत को बचाने के लिए उठाया गया है। लेकिन, जब तक काम शुरू नहीं होता, तब तक ये फंड भी फाइलों में ही दबे रहेगा। सड़कों की खराब हालत को लेकर नागरिकों में भारी नाराजगी है।
सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों की आलोचना हो रही है और कई विधायक, मंत्री और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने महापालिका को जल्द से जल्द गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, नागरिक मानते हैं कि जब तक स्थायी वित्तीय समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक गड्डों से मुक्त सड़कों का सपना सिर्फ वादों तक ही सीमित रहेगा। प्रशासन का कहना है कि परियोजना के लिए राज्य सरकार से मंजूरी का इंतजार है।

