नई दिल्ली : सभी एयरलाइनों को फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने का निर्देश देने की योजना
New Delhi: Plan to direct all airlines to check fuel control switches

भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देश में संचालित होने वाली सभी एयरलाइनों, विशेष रूप से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों का उपयोग करने वाली कंपनियों को अपने फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने का निर्देश देने की योजना बनाई है। यह कदम 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में हुई एअर इंडिया विमान की भीषण दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद उठाया जा रहा है।
नई दिल्ली : भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देश में संचालित होने वाली सभी एयरलाइनों, विशेष रूप से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों का उपयोग करने वाली कंपनियों को अपने फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने का निर्देश देने की योजना बनाई है। यह कदम 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में हुई एअर इंडिया विमान की भीषण दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद उठाया जा रहा है।
AAIB की रिपोर्ट में क्या आया सामने?
उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करने वाले दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच ''रन'' से ''कटऑफ'' स्थिति (चालू से बंद) में चले गये थे। बहुत संभव है कि इससे ही उक्त दुर्घटना हुई हो।
जल्द जारी होगा औपचारिक आदेश
डीजीसीए के सूत्रों का कहना है कि इस बारे में जल्द ही एक औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा जिससे बोइंग 787 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच अनिवार्य की जाएगी। वैसे डीजीसीए के इस बारे में फैसला करने से पहले ही एतिहाद और सिंगापुर एयरलाइंस जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने स्वैच्छिक तरीके से जांच शुरू कर दी है।
पायलटों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की दी चुकी है सलाह
एतिहाद ने 13 जुलाई को अपने बोइंग 787 बेड़े के लिए एक इंजीनियरिंग वर्क इंस्ट्रक्शन जारी किया, जिसमें स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच और पायलटों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई। वैसे डीजीसीए ने एयर इंडिया विमान हादसे के बाद बोइंग 787 विमानों की विस्तृत निगरानी पहले ही शुरू कर चुका है, नया निर्देश इस दिशा में एक और कदम होगा।
क्यों फ्यूल स्विच को लेकर उठने लगे सवाल?
सनद रहे कि एयर इंडिया दुर्घटना पर एएआइबी की रिपोर्ट के बाद वैश्विक उड्डयन सेक्टर में सुरक्षा इंतजामों और खास तौर पर फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर नये सिरे से चर्चा हो रही है। एतिहाद ने अपने एक बोइंग 787 की जांच तब शुरू की, जब वह हैदराबाद के लिए उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद अबू धाबी लौट आया। कंपनी ने बताया कि उसने यह कदम “अतिरिक्त सावधानी'' के तौर पर उठाया है। सिंगापुर एयरलाइंस ने भी अपने 787 बेड़े की जांच शुरू की, जिससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक एयरलाइंस इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही हैं। एएआइबी ने 11-12 जुलाई को आधी रात को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।
FAA के पुराने बुलेटिन का दिया गया हवाला
इसमें 17 दिसंबर, 2018 को अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा जारी एक स्पेशल एयरवर्थनेस इन्फॉर्मेशन बुलेटिन का उल्लेख किया गया है जिसमें बोइंग 787 सहित कई मॉडलों में फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म में गडबड़ी होने की संभावना को चिन्हित किया गया था। हालांकि इस बुलेटिन को मानने की बाध्यता कंपनियों पर नहीं थी। यह सिर्फ सलाह के तौर पर था। दुर्घटनाग्रस्त विमान के काकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?'' जिसका जवाब था, “मैंने नहीं किया।'