नई दिल्ली : एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के बचे दो स्क्वाड्रनों को 2026-27 तक भारत को देगा रूस
New Delhi: Russia will give the remaining two squadrons of S-400 air defense system to India by 2026-27

रूस ने आश्वासन दिया है कि वह एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के बचे दो स्क्वाड्रनों को 2026-27 तक भारत को दे देगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसी एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान को जमकर धूल चटाई थी। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के चौथे और पांचवें स्क्वाड्रन की डिलीवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से देरी हुई। हाल में चीन के किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान राजनाथ सिंह और एंड्री बेलौसेव के बीच इसको लेकर द्विपक्षीय बैठक में चर्चा हुई।
नई दिल्ली : रूस ने आश्वासन दिया है कि वह एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के बचे दो स्क्वाड्रनों को 2026-27 तक भारत को दे देगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसी एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान को जमकर धूल चटाई थी। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के चौथे और पांचवें स्क्वाड्रन की डिलीवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से देरी हुई। हाल में चीन के किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान राजनाथ सिंह और एंड्री बेलौसेव के बीच इसको लेकर द्विपक्षीय बैठक में चर्चा हुई।
5 में से 3 की डिलीवरी कर पाया रूस
इस बाबत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत-रूस रक्षा सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने पर सार्थक चर्चा हुई।" 2018 में भारत-रूस के बीच 40 हजार करोड़ रुपये की डील पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसके तहत भारत को एस-400 के 5 स्क्वाड्रन 2023 के आखिरी तक मिलने थे लेकिन अब तक भारत को सिर्फ 3 स्क्वाड्रन ही मिल पाए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चौथा स्क्वाड्रन अगले साल तक और पांचवां स्क्वाड्रन 2027 में मिल जाएगा।
क्या है एस-400 की खासियत?
एस-400 के हर एक स्क्वाड्रन में दो मिसाइल बैटरियां होती हैं, जिनमें 128 मिसाइलें शामिल होती हैं। ये मिसाइलें 120, 200, 250 और 380 किमी. तक मार करने में सक्षम हैं। इसके साथ ही इसमें लंबी दूरी का रडार सिस्टम और हर मौसम में चलने वाले ट्रांस्पोर्ट व्हीकल भी होते हैं। भारतीय वायुसेना ने पहले तीन एस-400 स्क्वाड्रनों को चीन और पाकिस्तान को काउंटर करने के लिए उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में तैनात किया हुआ है।