वसई-विरार में डेंगू और टाइफाइड का कहर... स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

Dengue and typhoid wreak havoc in Vasai-Virar... Health department on alert

वसई-विरार में डेंगू और टाइफाइड का कहर... स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

वसई-विरार में मॉनसून की शुरुआत के साथ ही डेंगू और टाइफाइड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। जिसने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों के चौंकाने वाले आंकड़ों के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपाय और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं। 21 से 24 जून के बीच शहर में डेंगू के 53 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 42 मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दर्ज हुए, जबकि 11 निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं। इसी अवधि में टाइफाइड के भी 7 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट की समस्या) का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

विरार : वसई-विरार में मॉनसून की शुरुआत के साथ ही डेंगू और टाइफाइड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। जिसने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों के चौंकाने वाले आंकड़ों के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपाय और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं। 21 से 24 जून के बीच शहर में डेंगू के 53 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 42 मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दर्ज हुए, जबकि 11 निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं। इसी अवधि में टाइफाइड के भी 7 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट की समस्या) का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

क्षेत्र के एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान, तुलिंज अस्पताल से प्राप्त आंकड़े इस प्रकोप की भयावहता को और भी स्पष्ट करते हैं। 10 जून से 24 जून तक की दो सप्ताह की अवधि में, अस्पताल में किए गए कुल 165 रैपिड डेंगू टेस्ट में से 37 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए। इन मामलों में 14 एनएस 1 पॉजिटिव, 7 आईजीएम पॉजिटिव और 22 आईजीजी पॉजिटिव शामिल थे, जो बीमारी के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं। इसी अवधि के दौरान, तुलिंज अस्पताल में 197 विडाल टेस्ट किए गए, जिनमें से 17 व्यक्तियों में टाइफाइड की पुष्टि हुई। इसके अतिरिक्त, 65 एलिसा आईजीएम टेस्ट में से एक मरीज में डेंगू पॉजिटिव पाया गया।

मामलों में यह तेज वृद्धि स्पष्ट रूप से मानसूनी बीमारियों के संभावित प्रसार की ओर इशारा करती है। जलभराव और मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण, खासकर बोतलें, प्लास्टिक या थर्माकोल की डिश और नारियल के छिलके जैसे भंगार में जमा होने वाला थोड़ा सा पानी भी मच्छरों की ब्रीडिंग के लिए पर्याप्त होता है।

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

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