वसई-विरार में फर्जी डॉक्टरों पर मनपा का शिकंजा... दो के खिलाफ FIR दर्ज
Municipal corporation tightens its grip on fake doctors in Vasai-Virar... FIR lodged against two
वसई-विरार महापालिका ने स्पष्ट किया है कि उसके अधिकार क्षेत्र में फर्जी चिकित्सा व्यवसाय करने वालों की तलाश जारी है और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही महापालिका ने नागरिकों से भी अपील की है कि यदि वे अपने क्षेत्र में ऐसे किसी अवैध (फर्जी) चिकित्सक को देखते हैं, तो तुरंत अपने निकटतम शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना दें, ताकि इन पर जल्द से जल्द लगाम कसी जा सके और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ रोका जा सके।
वसई : वसई-विरार शहर में एक बार फिर से फर्जी डॉक्टरों का जाल फैल गया है, जिस पर अंकुश लगाने के लिए मनपा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। हाल ही में चलाए गए एक अभियान के तहत, चिंचोटी इलाके से दो फर्जी डॉक्टरों का भंडाफोड़ किया गया और उनके खिलाफ नायगांव पुलिस स्टेशन में सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया गया है। वसई-विरार शहर के तेजी से बढ़ते शहरीकरण के साथ, अनधिकृत निर्माणों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फर्जी डॉक्टरों के क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं।
शहर में इन फर्जी चिकित्सकों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए, महापालिका का स्वास्थ्य विभाग एक विशेष अभियान चला रहा है, जिसके लिए दो टीमें गठित की गई हैं। हाल ही में चिंचोटी- कामन इलाके में कुछ क्लीनिकों पर छापेमारी की गई। इस दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि चिंचोटी में परमहंस क्लिनिक चलाने वाले सुनील कुमार यादव और ऋतुजा पाइल्स क्लिनिक चलाने वाले लिटन मृत्युंजय विश्वास बिना किसी वैध लाइसेंस के क्लीनिक चला रहे थे। इन दोनों फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ नायगांव पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 318 (4) महाराष्ट्र चिकित्सा व्यवसाय अधिनियम, 1961 की धारा 33, 33(ए) और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 18(सी), 18(ए), 27 के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
वसई-विरार महापालिका ने स्पष्ट किया है कि उसके अधिकार क्षेत्र में फर्जी चिकित्सा व्यवसाय करने वालों की तलाश जारी है और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही महापालिका ने नागरिकों से भी अपील की है कि यदि वे अपने क्षेत्र में ऐसे किसी अवैध (फर्जी) चिकित्सक को देखते हैं, तो तुरंत अपने निकटतम शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना दें, ताकि इन पर जल्द से जल्द लगाम कसी जा सके और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ रोका जा सके।

