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वसई-विरार में डेंगू और टाइफाइड का कहर... स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

वसई-विरार में डेंगू और टाइफाइड का कहर... स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर वसई-विरार में मॉनसून की शुरुआत के साथ ही डेंगू और टाइफाइड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। जिसने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों के चौंकाने वाले आंकड़ों के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने निवारक उपाय और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं। 21 से 24 जून के बीच शहर में डेंगू के 53 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 42 मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दर्ज हुए, जबकि 11 निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं। इसी अवधि में टाइफाइड के भी 7 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट की समस्या) का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
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मुंबई में शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया और लेप्टो जैसी अन्य बीमारियों का बोलबाला

मुंबई में शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया और लेप्टो जैसी अन्य बीमारियों का बोलबाला मुंबई में इस समय मुंबई मनपा का मानसून ऑफर शुरू है, जिसके तहत मौसमी बीमारियों की सेल लगी है। आपको पढ़ने में यह भले ही मजाक लगे, लेकिन शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया और लेप्टो जैसी अन्य बीमारियों का बोलबाला शुरू है, जिन्हें रोकने में मनपा पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। इसके अलावा सर्दी-खांसी और बुखार ने भी लोगों की नाक में दम कर रखा है। यही नहीं जीका ने भी दस्तक देकर लोगों की टेंशन को और भी बढ़ा दिया है और मनपा है कि उसे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है।
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भायंदर शहर पर डेंगू-मलेरिया का खतरा; एक माह के अंदर मरीजों की संख्या चार गुना 

भायंदर शहर पर डेंगू-मलेरिया का खतरा; एक माह के अंदर मरीजों की संख्या चार गुना  मीरा-भायंदर शहर में डेंगू और मलेरिया की बीमारी फैलने लगी है। खुलासा हुआ है कि पिछले महीने में संक्रमित मरीजों की संख्या चार गुना से ज्यादा बढ़ गई है. इसलिए नागरिकों से अनुरोध है कि वे नगर पालिका की ओर से विशेष सावधानी बरतें। मीरा भयंदर नगर पालिका शहर में डेंगू और मलेरिया जैसी महामारी रोगों के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न उपायों की योजना बना रहा है।
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मुंबई में भारी बारिश के साथ बढ़े डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मरीज !

मुंबई में भारी बारिश के साथ बढ़े डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के मरीज ! स्वास्थ्य विभाग ने सर्दी बुखार के उन्मूलन के लिए व्यापक जन जागरूकता के साथ-साथ 69 उपचार केन्द्र भी शुरू किये हैं। सुदूर और अति दुर्गम क्षेत्रों के लिए रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं और राज्य में 4,95,251 कीटनाशक युक्त मच्छरदानियां वितरित की गई हैं। गढ़चिरौली जिले में 2,12,569 कीटनाशक युक्त मच्छरदानियाँ वितरित की गई हैं और मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए 11,018 गप्पी मछली प्रजनन केंद्र स्थापित किए गए हैं। इससे उत्पन्न गप्पियों को जलस्रोतों में छोड़ दिया जाता है जहां मच्छर पनपते हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस साल 1,16,462 जगहों पर गप्पी मछली छोड़ी गयी.
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