महाराष्ट्र : सीजेआई बीआर गवई का प्रोटोकॉल टूटने पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, दिशा-निर्देश भी किए जारी...

Maharashtra: Government took a big decision after CJI BR Gavai broke the protocol, also issued guidelines...

महाराष्ट्र : सीजेआई बीआर गवई का प्रोटोकॉल टूटने पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, दिशा-निर्देश भी किए जारी...

मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय वकील सम्मेलन के कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे थे। मुख्य न्यायाधीश का चार्ज लेने के बाद वह पहली बार महाराष्ट्र पहुंचे थे। इस दौरान सीजेआई ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर महाराष्ट्र के प्रोटोकॅाल पर नाराजगी जताई थी।

मुंबई: महाराष्ट्र में देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई का प्रोटोकॉल टूटने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार हरकत में आई है। चीफ जस्टिस के स्वागत और उनके कार्यक्रम में चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और मुंबई कमिश्नर के गैरहाजिर रहने के बाद सरकार ने प्रोटोकॉल से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को अब आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में स्थायी स्टेट गेस्ट घोषित किया गया है। गौरतलब हो कि सीजेआई का प्रोटोकॉल टूटने पर विपक्ष ने सीएम फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार को निशाने पर लिया था। गवई ने 14 मई को कार्यभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल छह महीने के लिए है। गवई महाराष्ट्र के ही रहने वाले हैं।

मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय वकील सम्मेलन के कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे थे। मुख्य न्यायाधीश का चार्ज लेने के बाद वह पहली बार महाराष्ट्र पहुंचे थे। इस दौरान सीजेआई ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर महाराष्ट्र के प्रोटोकॅाल पर नाराजगी जताई थी।

उन्होंने कहा था कि जब भारत के मुख्य न्यायाधीश पहली बार राज्य की यात्रा पर आते हैं और राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व मुंबई पुलिस आयुक्त उपस्थित नहीं होते तो यह केवल प्रोटोकॉल का नहीं, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं के आपसी सम्मान का विषय है। महाराष्ट्र सरकार ने अब चीफ जस्टिस को स्टेट गेस्ट घोषित कर दिया है। इसके बाद अब मुख्य न्यायाधीश को आधिकारिक यात्राओं के दौरान राज्य भर में आवास, परिवहन और सुरक्षा सहित राज्य अतिथि नियमों के तहत सभी सुविधाओं मिलेंगी।

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हम कहते हैं कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं , न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका, और वे समान हैं। संविधान के प्रत्येक अंग को पारस्परिक रूप से व्यवहार करना चाहिए और अन्य अंगों को उचित सम्मान देना चाहिए। महाराष्ट्र से कोई व्यक्ति पहली बार भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में राज्य में आ रहा है। अगर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक या मुंबई के पुलिस आयुक्त को आना जरूरी नहीं लगता है, तो उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।

क्या है महाराष्ट्र में प्रोटोकॉल?
महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियम, 2004 के अनुसार, जिन गणमान्य व्यक्तियों को राज्य अतिथि घोषित किया जाता है या माना जाता है, वे औपचारिक स्वागत और विदाई व्यवस्था के हकदार होते हैं। इन प्रोटोकॉल का प्रबंधन हवाई अड्डों पर राज्य प्रोटोकॉल उपविभाग द्वारा तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों के माध्यम से किया जाता है। मुंबई में मुख्य सचिव या कोई वरिष्ठ प्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधि के साथ मुख्य न्यायाधीश की अगवानी करेंगे। अन्य जिलों में जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त या अधीक्षक या उनके प्रतिनिधि अगवानी करेंगे।

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