मुंबई : पवई तालाब में जलकुंभी हटाने के लिए और मशीनों का होगा उपयोग... छह महीने में 25,000 मीट्रिक टन जलकुंभी हटाई गई 

Mumbai: More machines will be used to remove water hyacinth in Powai lake... 25,000 metric tonnes of water hyacinth removed in six months

मुंबई : पवई तालाब में जलकुंभी हटाने के लिए और मशीनों का होगा उपयोग... छह महीने में 25,000 मीट्रिक टन जलकुंभी हटाई गई 

पवई तालाब का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। इस झील के पानी का उपयोग आरे कॉलोनी और आसपास की कंपनियों में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पवई तालाब की स्वच्छता को लेकर मंगलवार को अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। पवई तालाब क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और तालाब में गिरने वाले गंदे पानी के कारण जलपर्णी और अन्य अनावश्यक वनस्पतियों की वृद्धि हो रही है। इससे तालाब की जल गुणवत्ता और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मुंबई : पवई तालाब में पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए मनपा की ओर से स्थायी उपाय योजनाएं लागू की जा रही है। पिछले छह महीने में 25,000 मीट्रिक टन जलपर्णी हटाई गई है। मनपा प्रशासन ने पवई तालाब से तेजी से जलपर्णी हटाने के लिए तत्काल 5 मशीनों और अधिक मानवीय संसाधनों का उपयोग किया जाए इस तरह का निर्देश मनपा अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने दिया।

पवई तालाब का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। इस झील के पानी का उपयोग आरे कॉलोनी और आसपास की कंपनियों में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पवई तालाब की स्वच्छता को लेकर मंगलवार को अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। पवई तालाब क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और तालाब में गिरने वाले गंदे पानी के कारण जलपर्णी और अन्य अनावश्यक वनस्पतियों की वृद्धि हो रही है। इससे तालाब की जल गुणवत्ता और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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सूरज की किरणें जल की सतह तक नहीं पहुंचने से जनजीवन प्रभावित होता है और खाद्य श्रृंखला में बाधा उत्पन्न होती है। तालाब की सफाई के लिए पिछले छह महीनों में लगभग 25,000 मीट्रिक टन जलपर्णी हटाई गई है, लेकिन जलपर्णी की वृद्धि दर इससे कहीं अधिक है। इसलिए जब तक मलजल को तालाब से बाहर नहीं मोड़ा जाता तब तक जलपर्णी को हटाने की गति बढ़ाना आवश्यक है। वर्तमान में जलपर्णी हटाने के लिए दो मशीनें कार्यरत हैं। अब इसे और प्रभावी बनाने के लिए पांच मशीनों के माध्यम से यह कार्य दो शिफ्ट में अधिक मनुष्यबल के साथ किया जाएगा। मानसून के बाद छह मशीनों की तैनाती की जाएगी।

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