six months
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... वसई-विरार और मीरा-भाईंदर क्षेत्र में बढ़ती हिंसा से दहशत छह महीनों में 21 हत्याएं और 33 जानलेवा हमले...
Published On
By Online Desk
वसई-विरार और मीरा-भाईंदर क्षेत्र में हिंसा की घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। जनवरी से जून तक के छह महीनों में पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में 21 हत्या के मामले सामने आए हैं, जबकि 33 लोगों पर जानलेवा हमले हुए, लेकिन वे बाल-बाल बच गए। हत्या और हत्या के प्रयासों की ये घटनाएं चौंकाने वाली इसीलिए हैं क्योंकि इनमें ज्यादातर मामले नशे, गुस्से, प्रेम संबंध, पैसों के लेनदेन या पुरानी दुश्मनी जैसे कारणों से जुड़ी हैं। मुंबई : पवई तालाब में जलकुंभी हटाने के लिए और मशीनों का होगा उपयोग... छह महीने में 25,000 मीट्रिक टन जलकुंभी हटाई गई
Published On
By Online Desk
पवई तालाब का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। इस झील के पानी का उपयोग आरे कॉलोनी और आसपास की कंपनियों में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पवई तालाब की स्वच्छता को लेकर मंगलवार को अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। पवई तालाब क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और तालाब में गिरने वाले गंदे पानी के कारण जलपर्णी और अन्य अनावश्यक वनस्पतियों की वृद्धि हो रही है। इससे तालाब की जल गुणवत्ता और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मुंबई: अदालती आदेशों के बावजूद अपनी पत्नी और दो बेटियों को भरण-पोषण देने से इनकार ; डॉक्टर को छह महीने की सज़ा
Published On
By Online Desk
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक डॉक्टर को कई अदालती आदेशों के बावजूद अपनी पत्नी और दो बेटियों को भरण-पोषण देने से बार-बार इनकार करने के लिए छह महीने की सिविल जेल की सज़ा सुनाई है। जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और अद्वैत सेठना की पीठ ने डॉक्टर को जानबूझकर निर्देशों की अवहेलना करने का दोषी पाया, जिससे उसके परिवार को लंबे समय तक परेशानी का सामना करना पड़ा। ठाणे: महज छह महीने में हादसों में 135 लोगों की मौत !
Published On
By Online Desk
पिछले कुछ महीनों से भारी वाहन भार, जगह-जगह यातायात परिवर्तन के कारण ठाणेकर दुविधा में फंसे हुए हैं। पुलिस का तर्क है कि अगर ट्रैफिक जाम रहेगा तो शहर में हादसों की संख्या कम हो जाएगी. लेकिन जनवरी से जून तक महज छह महीने की अवधि में ठाणे कमिश्नरेट क्षेत्र में 135 लोगों की आकस्मिक मौत हो चुकी है. 135 मौतों में से 28 भिवंडी के नारपोली पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर हैं। इसलिए भिवंडी शहर का नारपोली इलाका जिले में दुर्घटनाओं का केंद्र बनता जा रहा है. 