नवी मुंबई में खारघर-तुर्भे टनल लिंक रोड से कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम...
Kharghar-Turbhe Tunnel Link Road will give a new dimension to connectivity in Navi Mumbai...

यात्रा में होगा बड़ा अंतर यह सड़क यात्रा के समय को 40 मिनट से घटाकर सिर्फ 10 मिनट कर देगी, जिससे न केवल स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि एटल सेतु और आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंच भी आसान होगी सिडको इस परियोजना को ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट से जोड़ रहा है। खारघर रेलवे स्टेशन के पास किफायती और समावेशी आवास योजना को भी इससे जोड़ा गया है, ताकि हर वर्ग के नागरिकों को फायदा मिल सके और शहर का विकास संतुलित ढंग से हो। हालांकि, इस परियोजना पर कुछ पर्यावरणविदों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि खारघर की जैवविविधता से भरपूर पहाड़ियों के भीतर सुरंग बनाने से पहले समग्र पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) की जरूरत है। इस क्षेत्र में कई दुर्लभ वनस्पति और जीव-जंतु पाए जाते हैं।
नवी मुंबई : सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (सिडको) ने नवी मुंबई की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना खारघर-तुर्भे टनल लिंक रोड की शुरुआत की है। करीब 2,099 करोड़ की लागत से बनने वाली इस सड़क का उद्देश्य उत्तर और दक्षिण नवी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करना और सायन-पनवेल महामार्ग पर भीड़भाड़ को कम करना है।
इस परियोजना के तहत 5.49 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क बनाई जा रही है, जो जुई नगर रेलवे स्टेशन के पास सायन-पनवेल महामार्ग से शुरू होकर खारघर के सेंट्रल पार्क तक जाएगी। इसका सबसे खास पहलू 1.76 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंग (तुर्भे टनल) है, जो खारघर की पहाड़ियों के भीतर से निकलेगी। साथ ही, इसमें 3.4 किलोमीटर का एलिवेटेड वायाडक्ट भी शामिल है।
यात्रा में होगा बड़ा अंतर यह सड़क यात्रा के समय को 40 मिनट से घटाकर सिर्फ 10 मिनट कर देगी, जिससे न केवल स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि एटल सेतु और आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंच भी आसान होगी सिडको इस परियोजना को ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट से जोड़ रहा है। खारघर रेलवे स्टेशन के पास किफायती और समावेशी आवास योजना को भी इससे जोड़ा गया है, ताकि हर वर्ग के नागरिकों को फायदा मिल सके और शहर का विकास संतुलित ढंग से हो। हालांकि, इस परियोजना पर कुछ पर्यावरणविदों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि खारघर की जैवविविधता से भरपूर पहाड़ियों के भीतर सुरंग बनाने से पहले समग्र पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) की जरूरत है। इस क्षेत्र में कई दुर्लभ वनस्पति और जीव-जंतु पाए जाते हैं।