नई दिल्ली : आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए उम्र सीमा को लेकर दी नई जानकारी; संसदीय समिति की सिफारिश 

New Delhi: New information given regarding age limit for Ayushman Vaya Vandana Card; Recommendation of Parliamentary Committee

नई दिल्ली : आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए उम्र सीमा को लेकर दी नई जानकारी; संसदीय समिति की सिफारिश 

संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए 70 वर्ष और उससे अधिक की आयु सीमा को कम करके 60 वर्ष और उससे अधिक किया जाना चाहिए। भले ही लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, ताकि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाया जा सके। स्वास्थ्य सेवा पर भारी व्यय को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने राज्यसभा में अपनी 163वीं रिपोर्ट पेश की।

नई दिल्ली। संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए 70 वर्ष और उससे अधिक की आयु सीमा को कम करके 60 वर्ष और उससे अधिक किया जाना चाहिए। भले ही लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, ताकि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाया जा सके। स्वास्थ्य सेवा पर भारी व्यय को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने राज्यसभा में अपनी 163वीं रिपोर्ट पेश की।
इसमें मौजूदा स्वास्थ्य सेवा कवरेज को पांच लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष से संशोधित कर 10 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष करने की भी सिफारिश की गई।

बहरहाल, संसदीय समित ने बताया कि कई उच्च-स्तरीय प्रक्रियाएं और यहां तक कि उच्च-स्तरीय निदान भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) में शामिल नहीं हैं। समिति ने सिफारिश की कि योजना के तहत कवर किए गए पैकेजों/प्रक्रियाओं की संख्या की समीक्षा की जानी चाहिए और उच्च लागत वाली गंभीर बीमारियों के इलाज और रेडियोलाजिकल डायग्नोस्टिक्स (सीटी, एमआरआइ तथा न्यूक्लियर इमेजिंग) जैसी महंगी उच्च-स्तरीय जांच/निदान से संबंधित नए पैकेजों/प्रक्रियाओं को एबी-पीएमजेएवाई में शामिल किया जाना चाहिए।

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समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'समिति का मानना है कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के मानदंड को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना 60 वर्ष या उससे अधिक किया जाना चाहिए, ताकि आम जनता के बेहतर हित में योजना का दायरा बढ़ाया जा सके।'

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